दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सदन की बैठक में कांग्रेसी पार्षदों ने दिल्ली सरकार पर डेंगू-मलेरिया पर झूठा श्रेय लेने का आरोप लगाते हुए मामले में चर्चा का प्रस्ताव रखा। लेकिन आम आदमी पार्टी के पार्षद अनियमितता का आरोप लगाते हुए पार्किंग के मुद्दे पर चर्चा करने की मांग पर अड़ गए। इस पर सदन में हंगामा होने लगा।
विवाद के बीच नेता सदन ने निंदा प्रस्ताव पेश किया, जिसे भाजपा और कांग्रेस के तमाम पार्षदों का समर्थन मिलने के बाद पारित कर दिया गया। हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित भी की गई, लेकिन हंगामे का सिलसिला नहीं थमा। इसे देखते हुए महापौर के आदेश पर इंफोर्समेंट विंग की टीम ने आप के सभी पार्षदों को सदन से बाहर कर दिया।
नेता विपक्ष का आरोप है कि आप के पार्षदों के साथ धक्का मुक्की हुई है और उन्हें सदन से जबरन बाहर कर दिया गया। उत्तरी निगम की बैठक में यह पहला ऐसा मौका है कि जब किसी पार्टी के 20 से अधिक पार्षदों के निलंबन के साथ-साथ उन्हें कर्मियों की मदद से सदन से बाहर कर दिया गया।
सदन की बैठक करीब दो बजे शुरू हुई। जैसे ही कांग्रेस के पार्षद आले मोहम्मद ने डेंगू-मलेरिया के मामले में एमसीडी कर्मियों की तरफ से किए गए प्रयासों के बावजूद दिल्ली सरकार पर श्रेय लेने का आरोप लगाया। फिर विपक्ष और कांग्रेसी पार्षदों के बीच बहस शुरू हो गई और थोड़ी देर बाद भाजपा के पार्षदों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया। फिर आप और कांग्रेस के पार्षदों के बीच आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया और मामला इतना बढ़ गया कि भाजपा को निंदा प्रस्ताव लाना पड़ा।
अनियमितता को दबाने के लिए चर्चा के लिए पार्षद नहीं हुए राजी
नेता विपक्ष सुरजीत सिंह पंवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि पार्किंग मामले में पहले से काफी अनियमितताएं हैं, इसलिए पहले इस पर चर्चा की मांग की गई। लेकिन दोनों पार्टियां इस पर चर्चा के लिए राजी नहीं थीं।
इसलिए पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया ताकि विपक्ष इस मामले पर शांत हो जाए। सदन में आप पार्षदों के साथ धक्का मुक्की भी हुई, जिसमें कुछ पार्षदों को चोटें भी आईं। बैठक में आप के 20 से अधिक पार्षद मौजूद थे।