शिमला। बीपीएल परिवार को एक साल में कम से कम 20 दिन मनरेगा में काम करना होगा। पहले गरीबी रेखा में आने के लिए लोगों को मनरेगा में 50 दिन काम करना पड़ता था। अब मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद 20 दिन तय कर दिया गया है।
पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि मनरेगा में सराज की मुराग पंचायत में पड़ने वाले खूनाणी गांव को आदर्श ग्रीन हाउस विलेज के रूप में विकसित किया गया है। यहां के लोगों की आमदनी को भी बढ़ाया गया जो 60-70 हजार से दो लाख प्रति वर्ष तक पहुंची है।