बरेली। स्वामी चिन्मयानंद से फिरौती मांगने के आरोप में घिरी छात्रा सोमवार देर रात प्रयागराज से शाहजहांपुर स्थित घर लौटी। इसके बाद मंगलवार को छात्रा के वकील ने जिला सत्र न्यायालय में उसकी जमानत को लेकर याचिका दाखिल की है जिसपर सुनवाई चल रही है। छात्रा को एडीजे प्रथम कोर्ट में पेश किया गया है। इससे पहले छात्रा गिरफ्तारी बचने के लिए रविवार शाम अपने पिता व भाई के साथ प्रयागराज चली गई थी।
अगर सुनवाई के दौरान अदालत की तरफ से जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया, तो आज ही छात्रा की गिरफ्तारी हो सकती हैा। वहीं उसके दो दोस्त सचिन और विक्रम को मंगलवार सुबह 11:15 बजे एसआईटी ने जिला कारागार से रिमांड पर ले लिया। खबर है कि टीम पहले दोनों लोगों को मेडिकल टेस्ट के लिए जिला अस्पताल लेकर गई और उसके बाद राजस्थान लेकर जा सकती है।
बता दें कि सोमवार शाम अदालत ने एसआईटी की पूछताछ के लिए तीन आरोपियों में से दो को 95 घंटे के लिए रिमांड दिया था। चिन्मयानंद से पांच करोड़ की फिरौती मांगे जाने के मामले में गिरफ्तार हुए संजय, सचिन और विक्रम की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद एसआईटी की ओर से कोर्ट को दिए गए रिमांड प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए सीजेएम ओमवीर सिंह ने सचिन और विक्रम को 95 घंटे की पुलिस रिमांड पर देने का निर्देश दे दिया था। संजय को रिमांड पर नहीं मांगा गया था।
एसआईटी को सचिन और विक्रम की निशानदेही पर मोबाइल बरामद करना है जिसे इन लोगों ने राजस्थान के मेंहदी और दौसा के बीच रास्ते में फेंका था। वहीं चिन्मयानंद की भी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है। बता दें कि स्वामी को जिन धाराओं में जेल भेजा गया है उनमें दस साल तक की सजा का प्रावधान है, इसलिए उनकी भी जमानत अर्जी खारिज हो गई।
सचिन और विक्रम को रिमांड पर लेने के लिए एसआईटी के अफसर सुरेंद्र कुमार कटियार ने कोर्ट से कहा था कि स्वामी चिन्मयानंद और छात्रा प्रकरण मामले में अभी और भी सबूत मिलने हैं। इसके लिए एक मोबाइल की तलाश है, जिसे इन लोगों ने राजस्थान में मेंहदीपुर से दौसा भरतपुर मार्ग पर महेबा बाईपास पर सड़क किनारे झाड़ियों में फेंक दिया था। मोबाइल एमआई का है और उसे बरामद करना है। मोबाइल संजय का बताया जा रहा है और उसमें तमाम साक्ष्य मौजूद हैं।