दिल्ली: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि चंद्रयान-2 की चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई थी और उसी बीच उसका संपर्क टूट गया था. नासा की ओर से कहा गया कि चंद्रयान-2 से संपर्क स्थापित करने में लगी टीम अभी तक सफल नहीं हो पाई है. नासा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम ने 7 सितंबर को लैंड करने की कोशिश की थी. विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी.
चंद्रमा की किसी पर्वतीय भूमि पर इसकी लैंडिंग के बाद इसका पता नहीं लग पाया है. नासा में बयान के साथ ही लैंड करने वाली जगह की तस्वीर भी जारी की है. इस तस्वीर को नासा के ऑरबिटर की ओर से खींची गई है. तस्वीर में धूल की तस्वीर है. नासा की ओर से यह भी कहा गया है कि अक्टूबर के महीने में जब प्रकाश तेज होगा तो एक बार फिर ऑरबिटर लोकेशन और तस्वीर भेजेगा. आपको बता दें कि विक्रम से संपर्क स्थापित करने की समय सीमा शनिवार को खत्म हो जाएगी क्योंकि जिस जगह पर विक्रम लैंडर उतरा है वहां पर अब 14 दिन के लिए रात शुरू हो जाएगी.
आपको बता दें कि इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ को लेकर नई जानकारी दी है. उन्होंने कहा, ‘हमारा लैंडर ‘विक्रम’ चंद्रमा की सतह से करीब 300 मीटर नजदीक तक पहुंच गया था. लैंडिंग का सबसे मुख्य और जटिल चरण पार हो चुका था. जब हम मिशन के एकदम अंत में थे, तभी संपर्क टूट गया.
फिर उसके साथ (लैंडर के साथ) क्या हुआ, इसका पता हमारी नेशनल लेवल की एक कमेटी लगा रही है.’ दरअसल, इससे पहले जो जानकारी थी, उसके अनुसार कहा जा रहा था कि जब लैंडर से संपर्क टूटा था, तब सतह से उसकी दूरी 2.1 किमी थी. गौरतलब है कि बीते दिनों भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा था कि चंद्रयान-2 मिशन ने अपना 98 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है.