क्यों जलने लगी इतने दिनों से गुजरात में पक रही हार्दिक और कांग्रेस की खिचड़ी?

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  • कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की तो दोनों पक्षों में सिर-फुटौव्वल की नौबत आ गई. 
  • सूरत, अहमदाबाद और राजकोट में दोनों पक्षों के कार्यकर्ता भिड़ गए.
  • राजकोट में हार्दिक पटेल की रैली फिर से रद्द कर दी गई है.
  • रैली ऐन वक्त पर रद्द कर देने से ये माना जा रहा है कि कुछ न कुछ गड़बड़ है.

अहमदावाद (एजेंसीज) : गुजरात में कांग्रेस और पाटीदार नेताओं में पिछले कुछ दिनों से जो ‘खिचड़ी’ पक रही थी, वो अब जलती हुई नजर आ रही है. गुजरात चुनाव का ऐलान होने के बाद से कांग्रेस पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुटी हुई है. कई बार बातचीत की कोशिश हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. हार्दिक का अल्टीमेटम भी काम नहीं आया. अब ऊहापोह के बीच कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की तो दोनों पक्षों में सिर-फुटौव्वल की नौबत आ गई.

सूरत, अहमदाबाद और राजकोट में दोनों पक्षों के कार्यकर्ता भिड़ गए. अब राजकोट में हार्दिक पटेल की रैली फिर से रद्द कर दी गई है. इससे पहले 18 नवंबर को भी गांधीनगर में होने वाली हार्दिक पटेल की रैली रद्द कर दी गई थी. इससे पहले कि पाटीदार और कांग्रेस मिलकर बीजेपी के खिलाफ गुजरात में लड़ें, आपस में ही सिर फुटौव्वल कर लिया. सूरत में कांग्रेस नेता प्रफुल्ल तोगड़िया के दफ्तर में जमकर तोड़फोड़ हुई. इसी तरह अहमदाबाद में भरत सिंह सोलंकी के दफ्तर के बाहर भी पाटीदार और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे पर जमकर शक्ति प्रदर्शन किया.

खास बात यह है कि मारपीट से चंद घंटे पहले ही कांग्रेस नेताओं ने मुनादी की थी कि पाटीदार नेता उनके साथ आ चुके हैं. लिहाजा अब 77 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की जा रही है.

हालांकि गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने दावा किया है कि पार्टी ने जो लिस्ट जारी की है, उसमें जातीय समीकरण के साथ पाटीदारों को पटाने का बेहतरीन फॉर्मूला बनाया गया था. पहली लिस्ट में कांग्रेस ने अपने मौजूदा 14 विधायकों को टिकट दिया है. वहीं पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के 3 नेताओं को टिकट दिया गया है. इसके अलावा 20 पाटीदारों को, 6 दलित और 8 ओबीसी को टिकट दिया गया है.

दरअसल पाटीदारों का कहना है कि कांग्रेस ने टिकट जारी करने से पहले उनसे कोई बात ही नहीं की और लिस्ट का ऐलान कर दिया. हार्दिक पटेल वाले पाटीदार कह रहे हैं कि जिन तीन नेताओं को कांग्रेस ने अनुकंपा के आधार पर टिकट दिया है, वो नॉमिनेशन ही नहीं फाइल करेंगे.

अब पेच जबरदस्त तरीके से फंस गया है, क्योंकि एक तरफ वो पाटीदार हैं जिन्हें कांग्रेस ने साधने के लिए 20 टिकट बांटे. दूसरी तरफ हार्दिक पटेल वाले पाटीदार हैं, जिन्हें सिर्फ तीन सीटें मिलीं. आज राजकोट में हार्दिक पटेल की रैली ऐन वक्त पर रद्द कर देने से ये माना जा रहा है कि कुछ न कुछ गड़बड़ है.

माना जा रहा था कि इसी रैली में तय होना था कि पाटीदार कांग्रेस के साथ रहेंगे या खिलाफ रहेंगे. अब स्थिति कांग्रेस के लिए भी विकराल है, क्योंकि पाटीदारों के भरोसे वो जीत का स्वाद चखना चाहती है. उनमें खुद में दोफाड़ हो गया है. अब तक हार्दिक पटेल ने पत्ते नहीं खोले हैं. ऐसे में गुजरात चुनाव में सस्पेंस के साथ-साथ जबरदस्त जंग भी है.

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