नई दिल्ली (एजेंसीज) : मोदी सरकार ट्रिपल तलाक को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। इसके खिलाफ कानून बनाने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में बिल लाया जाएगा। ट्रिपल तलाक को खत्म करने के लिए कानून बनाने को लेकर मंत्रियों की एक समिति गठित की गई है। देश के सबसे विवादित मुद्दों में से एक ट्रिपल तलाक पर इसी साल 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाकर इसे असंवैधानिक करार दिया था।
तत्कालीन चीफ जस्टिस जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने तीन और दो के बहुमत से पर्सनल लॉ के तहत आने वाले ट्रिपल तलाक पर ऐतिहासिक निर्णय को सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए भारतीय मुस्लिम समुदाय में सैकड़ों वर्ष से प्रचलित तीन बार तलाक बोलकर एक झटके में निकाह तोड़ दिए जाने को ‘असंवैधानिक’ व ‘मनमाना’ करार दिया था और कहा था कि यह ‘इस्लाम का हिस्सा नहीं’ है। जजों ने कहा था कि यह पाप है, इसलिए सरकार को इसमें दखल देना चाहिए और तलाक के लिए कानून बनना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तीन तलाक पर छह महीने का स्टे लगाया जाना चाहिए, इस बीच में सरकार कानून बना ले और अगर छह महीने में कानून नहीं बनता है तो स्टे जारी रहेगा।