आईटीबीपी की हिमवीरो ने किया दूसरी बार माउंट बलबला पीक फतह, इससे पहले इस पर्वत को स्विट्जरलैंड की एक्सपीडियाशन दल ने 25 अगस्त 1947 को फतह किया था ,यह पीक तकनीकी रूप से बेहद खतरनाक है ,इस लिए कही अभियान के बाद अब जाकर आईटीबीपी के हिमवीरो को इस पीक को फतह करने में सफलता पाई है
आईटीबीपी की 46 सदस्यीय दल को 6 अगस्त को आईटीबीपी की डीआईजी अपर्णा सिंह ने हरी झंडी दिखाकर प्रथम वाहिनी सुनील से रवाना किया था, औऱ पर्वतारोहण दल को रवाना किया था, माउंट बलबला पीक 6416 मीटर और 21050 फीट ऊंची है ,इन दल ने 4 सितंबर को जब इस पीक को फतह करने लगे सुबह पीक पर जोरदार बर्फबारी औऱ तेज हवाएं चलने लगे, इसके बाद दोपहर 2 बजे इस पीक को फतह किया जहा पर तिरंगा झंडा लहराने के साथ राष्ट्रगान गाकर भारत माता और आईटीबीपी जय के नारे लगाए गए, पहले इस पीक को जहा से फतह करना था ,वहाँ पीक पर चढ़ने के लिए फेस ही नहीं था ,बाद में स्विट्जरलैंड एक्सपीडियाशन दल के रास्ते इसे फतह करना पड़ा, 46 सदस्यीय दल में फतह करने वालो में कंपनी कमांडर भीम ,सिपाही प्रवीण ,सिपाही प्रदीप सिपाही सुनील सहित एक्सपीडियाशन गाइड राजेन्द्र सिंह मर्तोलिया ग्रांड एडवेंचर जोशीमठ ने किया,
राजेन्द्र सिंह मर्तोलिया का कहना है कि यह पीक माउंट बलबला तकनीकी रूप से बहुत खतरनाक है, औऱ यहाँ पर पारा माइनस 30 डिग्री से भी कम था, और पूरे पीक में सदियों पुराना ग्लेसियर है,और 90 डिग्री पर चढ़ाई चढ़ना पड़ा