नई दिल्ली (संवाददाता) : यूपी निकाय चुनावों में चारोंखाने चित्त राजनीतिक दल और प्रत्यासी एक बार फिर से इवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने लगे हैं. अखिलेश यादव, माया बहन, प्रशांत भूषण, अरविन्द केजरीवाल से लेकर आप के संजय तक सब इवीएम की गडबडी चिल्ला रहे हैं, लेकिन इनके पास गडबडी का एक भी पुख्ता प्रमाण नहीं है.
इवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वाली एक निर्दलीय कैंडिडेट का दावा भी गलत साबित हुआ है। सहारनपुर से निर्दलीय पार्षद प्रत्याशी शबाना ने दावा किया था कि उसे एक वोट भी नहीं मिले हैं। शबाना ने कहा कि आखिर उसे अपना वोट तो मिलना चाहिए था, लेकिन वो वोट भी नहीं मिला। इन दोनों ने इवीएम पर सवाल उठाए और फिर से चुनाव की मांग की। लेकिन चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक शबाना का दावा गलत है।
सहारनपुर जिले से वार्ड नंबर-54 पर पार्षद के पद का उम्मीदवार लड़ रहीं शबाना को 87 वोट मिले हैं। उत्तर प्रदेश इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट में ये पूरा डाटा मौजूद है। इवीएम पर सवाल उठाने वाला शबाना का ये वीडियो वायरल हो गया है। इवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर चुके दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इस वीडियो को रिट्वीट किया था। हालांकि अब स्पष्ट हो गया है कि इन सभी का दावा गलत था।
शबाना के पति इकराम ने मीडिया को कहा कि उन्हें मतगणना के बाद पता चला कि उसे बूथ नंबर 387 और 388 पर एक भी वोट नहीं मिला है। शबाना के पति का तो दावा था कि उसकी पत्नी को कम से कम 900 वोट मिलने चाहिए थे। शबाना के पति इकराम ने कहा कि 300 वोट उसके अपने परिवार में हैं। जबकि लगभग 600 लोगों ने उसकी पत्नी के पक्ष में मतदान किया है। इस लिहाज से कम से कम 900 वोट उसकी पत्नी को मिलने चाहिए। लेकिन एक भी वोट नहीं मिला है। इकराम और शबाना ने आरोप लगाया कि कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ी जरूर हुई है।