रुद्रप्रयाग। बाबा केदार की यात्रा की राह में प्रशासन के लिए इस बार भी बर्फ और हिमखंड हटाना किसी चुनौती से कम नहीं है। बीते डेढ़ माह में चार बार हो चुकी भारी बर्फबारी से पैदल मार्ग से लेकर केदारपुरी लकदक है। मंदिर परिसर में ही 6 से 16 फीट तक बर्फ जमी है। बीते वर्ष 12 दिसंबर से धाम का जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग से संपर्क कटा हुआ है।
रामबाड़ा से रुद्रा प्वाइंट तक 10 फीट से अधिक बर्फ है। यहां छह-सात जगहों पर हिमखंड जोन भी हैं, जिन्हें पार करना मुश्किल है। केदारपुरी में भी एमआई-26 हेलीपैड से लेकर मंदिर मार्ग और मंदिर परिसर तक 10 से 16 फीट तक बर्फ होना बताया जा रहा है।
बीते डेढ़ माह में धाम में चार बार भारी बर्फबारी हो चुकी है। धाम में बिजली, पानी और संचार सेवा बीते वर्ष 12 दिसंबर से ठप पड़ी है। साथ ही पुनर्निर्माण कार्य भी नहीं हो रहे हैं।
बीते वर्ष केदारनाथ धाम की यात्रा नौ मई को शुरू हुई थी। तब भी पैदल मार्ग पर भीमबली से ही बर्फ मौजूद थी। रामबाड़ा से रुद्रा प्वाइंट के बीच छह जगहों पर 45 फीट से अधिक लंबाई तक के हिमखंड थे। श्रद्धालुओं को साढ़े चार किमी बर्फ को काटकर बनाए गए रास्ते से होकर गुजरना पड़ा था। इससे पूर्व वर्ष 2015 में भी पैदल मार्ग पर 8 से 9 फीट बर्फ को काटकर रास्ता बनाया गया था।
एक टीम को केदारनाथ भेजा जा रहा है, जो वहां के हालातों का जायजा लेगी। इसके बाद पैदल मार्ग और धाम में बर्फ सफाई का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। सभी कार्यदायी संस्थाओं को पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर 10 फरवरी तक अपने स्थानों पर पहुंचने को कहा गया है।
-मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग।