रुद्रप्रयाग । गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर आवाजाही शुरू होते ही केदारनाथ के लिए 445 श्रद्धालुओं ने प्रस्थान किया। मार्ग पर घोड़ा-खच्चरों का संचालन अब भी बंद हैं। साथ ही कई स्थानों पर रास्ता अति संवेदनशील होने से खतरा बना हुआ है।
सोमवार सुबह छह बजे से सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए श्रद्धालुओं ने प्रस्थान करना शुरू कर दिया था। चार बजे तक 445 श्रद्धालु धाम के लिए रवाना हुए। सेक्टर मजिस्ट्रेट कानून-गो एमएल अंजवाल ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुंड से आधा किमी आगे भूस्खलन जोन पर आवाजाही के लिए खोल दिया गया है, जिसके बाद यात्री धाम भेजे जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि शाम चार बजे तक 445 श्रद्धालु केदारनाथ के लिए रवाना हो चुके थे। भीमबली से छानी कैंप के बीच रास्ते की स्थिति काफी संवेदनशील बनी हुई है। पैदल मार्ग में अब भी कई स्थानों पर पत्थर गिरने का खतरा बना है।
दो दिनों से सोनप्रयाग व गौरीकुंड में रुके हुए थे यात्री
सेक्टर मजिस्ट्रेट कानून-गो ने बताया कि जो यात्री बीते दो दिनों से सोनप्रयाग व गौरीकुंड में रुके हुए थे, उन्हें प्राथमिकता से भेजा जा रहा है। बीते शनिवार सुबह 7 बजे गौरीकुंड से आधा किमी पहले पैदल मार्ग भारी भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गया था।
जिस कारण यात्रा को रोक दिया गया था । कार्यदायी संस्था के ईई प्रवीण कर्णप्रयाग ने बताया कि बरसात के चलते पैदल मार्ग पर कई जगहों पर मलबा गिर रहा है। मार्ग कम से कम समय के लिए बाधित हो, इसके लिए मजदूरों की तैनाती की जा रही है।
केदारनाथ पैदल मार्ग को दुरुस्त करने के लिए कार्यदायी संस्था को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील स्थानों पर यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रास्ते पर एसडीआरएफ, पुलिस व डीडीआरएफ के अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं।
– वंदना सिंह, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग