रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर मंगलवार सुबह भारी भूस्खलन हो गया। जिसके चलते हाईवे पर रामपुर में होटल जमींदोज हो गया। वहीं, अगस्त्यमुनि से सोनप्रयाग के बीच हाइवे कई जगहों पर बाधित है। बताया जा रहा है कि यह होटल शहर का सबसे पुराना होटल था। इसे पहले भी खाली कराया जा चुका था।
रुद्रप्रयाग जिले को भूस्खलन से सबसे ज्यादा खतरा
बता दें कि रुद्रप्रयाग देश के 10 सबसे अधिक भूस्खलन खतरे वाले जिलों में से पहले नंबर है। इसकी तस्दीक पिछले तीन-चार दशकों के दौरान जिले में भूस्खलन की वे बड़ी घटनाएं हैं, जिनमें हजारों लोग मारे गए या लापता हो गए।
सोनप्रयाग में 40 और दुकानों को किया ध्वस्त
सोनप्रयाग में अवैध अतिक्रमण के तहत चिह्नित 65 दुकानों में से 40 को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया है। तीन दिनों में सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक कुल 265 दुकानें तोड़ दी हैं। ये सभी कच्ची व अस्थायी दुकानें रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग के दोनों तरफ अवैध तरीके से बनाई गईं थी।
सोमवार को नायब तहसीलदार जयकृत सिंह रावत के नेतृत्व में सुबह 10 बजे से अतिक्रमण वाली दुकानों को तोड़ने का काम शुरू किया। दोपहर तक प्रशासन की टीम ने मशीन की मदद से सभी दुकानें ध्वस्त कर दी थीं। नायब तहसीलदार ने बताया कि सोनप्रयाग में शटल टैक्सी सेवा स्टैंड से बस स्टेशन तक 65 दुकानें अवैध चिह्नित की गईं थी। 25 दुकानें बीते रविवार को तोड़ दी गईं थी। इस दौरान शेष दुकानों से जुड़े लोगों ने भी अपना सामान समेट लिया था।
बता दें कि इससे पूर्व बीते पांच अगस्त को गौरीकुंड में 40 अवैध कच्ची दुकानों को तोड़ा गया था। जबकि रविवार को गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक 175 दुकानें ध्वस्त की गईं थीं। उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने बताया कि सभी दुकानों को अवैध अतिक्रमण व सुरक्षा की दृष्टि से तोड़ा गया है।