उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में एक हफ्ते के भीतर 40 से अधिक नवजात संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा दो वर्ष से 10 वर्ष तक के भी कई बच्चे पॉजिटिव पाए गए हैं। प्रतिदिन तीन से चार नवजात संक्रमित मिल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिजनों की मौजूदगी में इन बच्चों की देखरेख की जा रही है। साथ ही उन्हें नियमित विटामिन की खुराक दी जा रही है।लगभग ढाई लाख की आबादी वाले रुद्रप्रयाग जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा साढ़े तीन हजार से अधिक पहुंच गया है। इनमें वर्तमान में 9 सौ से अधिक सक्रिय केस हैं। इन संक्रमितों में बच्चे भी हैं। स्थिति यह है कि एक माह, दो माह से एक वर्ष तक के कई बच्चे पॉजिटिव पाए गए हैं। वहीं, एक वर्ष से 10 वर्ष और 11 से 15 वर्ष के किशोर भी संक्रमित हैं।स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमित नवजात व छोटे बच्चों की विशेष मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके लिए परिजनों के भी सैंपल लिए जा रहे हैं। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही परिजनों को बच्चों की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ वायरल फीवर से भी कई मासूम पीड़ित हैं।जिला चिकित्सालय सहित सीएचसी, पीएचसी व अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में प्रतिदिन पांच से छह छोटे बच्चे ओपीडी में पहुंच रहे हैं, जो बुखार से पीड़ित हैं। जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग में बाल रोग विशेषज्ञ डा. नीतू तोमर ने बताया कि कोरोना व वायरल फीवर का असर नवजात व छोटे बच्चों पर भी हो रहा है। लेकिन इसका असर काफी कम है। संक्रमित बच्चों की नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। रुद्रप्रयाग जिले में कोविड-19 टीका खत्म हो गया है, जिस कारण सोमवार को टीकाकरण नहीं होगा। जिले में अभी तक 40 हजार से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है। साथ ही 18 से 45 उम्र तक के लोगों के टीकाकरण के लिए आरोग्य सेतु पर पंजीकरण किया जा रहा है।
रविवार को टीके की कमी के कारण सिर्फ जिला चिकित्सालय में ही टीकाकरण हो पाया। इस दौरान दस लोगों को ही टीका लगा। इधर, टीका खत्म होने से सोमवार को जिले में टीकाकरण नहीं होगा।
सीएमओ डा. विंधेश कुमार शुक्ला ने बताया कि प्रशासन के माध्यम से शासन व निदेशालय को स्थिति से अवगत कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जिले में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही फ्रंट लाइन वर्कर के साथ 45 से 60 वर्ष तक के 40 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण हो चुका है।