रुद्रप्रयाग : भैया दूज के पावन अवसर पर गुरुवार की सुबह ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गए। इस अवसर पर तीन हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने।
पुजारी टी गंगाधर लिंग द्वारा दिया गया समाधि रूप
आज प्रात: तीन बजे केदारनाथ मंदिर खुल गया था और चार बजे से कपाट बंद करने की समाधि पूजन प्रक्रिया शुरू हो गयी थी। पुजारी टी गंगाधर लिंग द्वारा भगवान केदारनाथ के स्यंभू ज्योर्तिलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि रूप दिया गया। ज्योर्तिलिंग को बाघांबर, भृंगराज फूल, भस्म, स्थानीय शुष्क फूल-पत्तों आदि से ढक दिया गया।
इस वर्ष रिकॉर्ड पैंतालीस लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे
इसके साथ ही भकुंट भैरव नाथ के आह्वान के साथ ही गर्भगृह तथा मुख्य द्वार को जिला प्रशासन की मौजूदगी में बंद कर दिया गया। इसके बाद पूरब द्वार को भी सील बंद किया गया। इस वर्ष रिकॉर्ड पैंतालीस लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे।
कपाट बंदी के अवसर पर ये लोग रहे मौजूद
कपाट बंदी के अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, पंकज मोदी, मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान, जिला प्रशासन पुलिस के अधिकारी, केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव/ मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, यात्रा मजिस्ट्रेट गोपाल राम बिनवाल, तहसीलदार दीवान सिंह राणा कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माधिकारी औंकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, केदारनाथ सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, देवडोली यात्रा प्रभारी प्रदीप सेमवाल, देवानंद गैरोला, राजकुमार तिवारी आदि मौजूद रहे।
सात नवंबर को बंद होंगे द्वितीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट
इस अवसर पर सेना की 11 मराठा लाईट इ़न्फ्रेंट्री रूद्रप्रयाग के बैंड की भक्तिमय धुनों तथा बाबा केदार की जय उद्घोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। वहीं द्वितीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट सात नवंबर तथा द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट 18 नवंबर को बंद हो जायेंगे