रूद्रप्रयाग। संवाददाता। अगस्त्यमुनि ब्लाक का राजकीय प्राथमिक विद्यालय क्यार्क, सरकारी सिस्टम का मुंह चिढ़ा रहा है। 6 वर्ष से भी अधिक समय से जर्जर भवन की मरम्मत नहीं होने से यहां पांच कक्षाओं का संचालन एक कक्ष में हो रहा है, जो बरसात से जर्जर हो चुका है। बावजूद विभागीय स्तर पर कार्रवाई नहीं हो रही है। वर्तमान सत्र में यहां 12 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं।
जिला मुख्यालय से करीब 13 किमी की दूरी पर स्थित विद्यालय का भवन जर्जर हाल में हादसों को न्यौता दे रहा है। ऐसे में तैनात शिक्षकध्शिक्षिकाओं द्वारा पांच कक्षाओं का संचालन एक अतिरिक्त कक्ष में किया जा रहा है।
यहां बच्चों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं हो पा रही हैं, जिस कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सन गांव निवासी प्रेम सिह, जेपी चमोला, उमेद सिंह ने बताया कि विद्यालय भवन का निर्माण वर्ष 1962 में किया गया था।
वर्ष 1994 में विभाग द्वारा हल्की मरम्मत की गई थी। तब से आज तक विभाग द्वारा स्कूल भवन की सुध तक नहीं ली गई है। भवन पर लगे तख्ते और कड़ी सड़ कर झुक गए हैं। जबकि दीवारों पर दरारें पड़ी हैं। ग्राम प्रधान ऊषा चमोला ने बताया कि स्कूल के जर्जर भवन से बच्चों को खतरा बना है।
एक कमरे में ही सभी कक्षाएं चल रही है। विभाग, प्रशासन और मुख्यमंत्री को भी बीडीसी बैठक में अवगत कराने के बाद भी, किसी के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। दूसरी तरफ राजकीय प्राथमिक डुंग्री व भुनका और जूहा बैरागणा के भवन क्षतिग्रस्त होने से कक्षाओं का संचालन लंबे समय से अन्यत्र हो रहा है।
जनपद में 60 से अधिक प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं, जिनके भवन जर्जर हैं, जिनका पुनर्निर्माण होना है। इसके अलावा करीब 40 स्कूलों की मरम्मत होनी है। आपदा के बाद से जिला योजना, राज्य सेक्टर और आपदा मद में प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं। लेकिन पर्याप्त धन भी नहीं मिल रहा है।