मुंबई। कोरोना वायरस के चलते पश्चिम रेलवे ने 20 मार्च से 31 मार्च के बीच एसी लोकल रद कर दी है। एसी लोकल की जगह नॉन एसी लोकल चलाई जाएगी।
पश्चिम रेलवे ने उतारे चार यात्री
मुंबई विमानतल पर जर्मनी से पहुंचे चार यात्रियों को आज उस समय परेशानी का सामना करना पड़ा, जब वे गरीब रथ ट्रेन से सूरत स्थित अपने घर की ओर जा रहे थे। मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस विमानतल पर इन दिनों विदेश से आने वाले सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है। सामान्य पाए जानेवाले यात्रियों के भी बाएं हाथ पर एक मुहर लगाकर उन्हें 14 दिन घर पर ही रहने की सलाह दी जाती है।
जनसहयोग न मिला तो बंद होगी लोकल ट्रेनः उद्धव
बुधवार सुबह पांच बजे मुंबई के टर्मिनस-2 पर उतरने के बाद ऐसी ही मुहर इन यात्रियों के हाथ पर भी लगाई गई थी। जिसे देख गरीब रथ ट्रेन में उनके सहयात्रियों ने उनके साथ यात्रा करने से इंकार कर दिया। फलस्वरूप टीसी ने चारों यात्रियों को पालघर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से नीचे उतार दिया। इस घटना की जानकारी पालघर स्टेशन मास्टर द्वारा रेलवे पुलिस को दिए जाने के बाद स्थानीय डॉक्टरों की एक टीम बुलाकर चारों यात्रियों की फिर से जांच करवाई गई। जांच रिपोर्ट नकारात्मक पाए जाने पर उन्हें अगली ट्रेन से सूरत भेजने की तैयारी कर दी गई है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि यदि लोगों ने अत्यावश्यक कार्य के बिना भी बाहर निकलना जारी रखा, तो सरकार मजबूरन लोकल ट्रेन एवं बेस्ट की बसें बंद करने पर बाध्य होगी। फिलहाल, सार्वजनिक परिवहन सेवाएं एवं सरकारी कार्यालय खुले रखने का निर्णय किया गया है। बाजार में मास्क की कमी को देखते हुए राज्य की जेलों में भी मास्क तैयार कराए जा रहे हैं। गृह मंत्री अनिल देशमुख ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। एहतियात के तौर पर शिरडी स्थित साईं धाम समेत सभी प्रमुख मंदिरों को भी बंद कर दिया गया है। कोरोना वायरस से मंगलवार को देश में तीसरी एवं महाराष्ट्र में पहली मौत हुई है। घाटकोपर उपनगर निवासी 64 वर्षीय व्यक्ति की कस्तूरबा गांधी अस्पताल में मृत्यु हो गई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना वायरस के चलते पैदा हुए हालात पर चर्चा की।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अभी न तो सरकारी कार्यालय बंद करने का निर्णय हुआ है, न ही लोकल ट्रेन एवं बसें। लेकिन वह लोगों का आह्वान करते हैं कि सिर्फ अत्यावश्यक कार्य होने पर ही घरों से बाहर निकलें और सार्वजनिक परिवहन साधनों का उपयोग करें, ताकि इन साधनों पर पड़नेवाला भार कम किया जा सके। चूंकि इनका उपयोग बहुत से गरीब लोग भी करते हैं, इसलिए सरकार इन्हें रोकना नहीं चाहती। लेकिन यदि इन साधनों में भीड़भाड़ कम न हुई, तो इन्हें भी रोकने का फैसला सरकार को करना पड़ सकता है। अगले 15 दिन का समय अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दौरान स्वनियंत्रण की जरूरत है। हालांकि, राज्य के मंत्री जितेंद्र अवहाद के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से गलत तरीके से एक संदेश पोस्ट हो गया कि मंत्रिमंडल ने सात दिनों के लिए सरकारी दफ्तरों को बंद करने का फैसला किया है।