टिहरी झील के किनारे युवा अब करेंगे रॉक क्लाइंबिंग

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साहसिक खेल के क्षेत्र में भविष्य बनाने की राह ताक रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। वाटर एडवेंचर के साथ अब टिहरी झील किनारे साहसिक खेल अकादमी में रॉक क्लाइंबिंग का प्रशिक्षण और प्रतियोगिताएं भी होंगी। स्वदेश दर्शन योजना के तहत टिहरी झील किनारे आर्टिफिशियल वॉल (पैनल से बनी कृत्रिम दीवार) बनकर तैयार हो गई है। आर्टिफिशियल क्लाइंबिंग वॉल की ऊंचाई 60 फीट है। मानसून खत्म होते ही सितंबर अंतिम सप्ताह से जिला साहसिक खेल विभाग स्थानीय युवाओं के लिए पहले चरण में 15 दिन का रॉक क्लाइंबिंग का प्रशिक्षण देगा।42 वर्ग किमी क्षेत्र में फैली टिहरी बांध की झील को वाटर एडवेंचर का हब बनाने के लिए 20 करोड़ की लागत से साहसिक खेल अकादमी का निर्माण किया गया है। साहसिक खेल अकादमी में छात्रावास, ऑडिटोरियम आदि निर्माण किया गया है। अकादमी में वाटर एडवेंचर कोर्स शुरू करने की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ने बीते 16 अप्रैल को आईटीबीपी को सौंप दिया था, लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण आईटीबीपी एक बैंच को ही इस अवधि में प्रशिक्षण दे पाई।

जिला साहसिक खेल अधिकारी सोबत सिंह राणा का कहना है कि टिहरी झील में जलक्रीड़ा के अलावा रॉक क्लाइंबिंग, हॉट एअर बलून, पैराग्लाइडिंग की भी असीम संभावनाएं हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने कोटी कालोनी में एरो, वॉटर और लैंड एडवेंचर के लिए साहसिक खेल अकादमी स्थापित की है। उन्होंने बताया कोटी कालोनी में झील किनारे स्वदेश दर्शन योजना के तहत 50 लाख की लागत से आर्टिफिशियल वॉल बनकर तैयार हो गई। इसका उपयोग रॉक क्लाइंबिंग के लिए किया जाएगा। वॉल पर अलग-अलग प्रकार के फेज बनाकर कर 45, 60, 90 और 120 डिग्री के एंगल में होल्डस को फिक्स किया जाता है। इस पर ट्रेनिंग की सात-सात प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। वॉल की ऊंचाई 60 फीट है। बताया सितंबर अंतिम सप्ताह से युवाओं के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा।

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