टिहरी। टिहरी झील के अस्तित्व में आने के बाद से ही टिहरी झील पर्यटकों के लिये एक खास रोचक पर्यटक स्थल बन कर उभरी है। वहीं जिसे लोग अभिशाप मानते थे अब वही कई लोगों के रोजगार और भरण पोषण का आधार है ।
टिहरी बांध की झील और आसपास के क्षेत्रों में बने कॉटेज, टेंट हाउस, फ्लोटिंग हट्स, इको लॉग हट्स की खूब डिमांड है। साथ ही झील में कई तरह के वाटर स्पोर्ट्स ने चार चांद लगाने में कमी नहीं छोड़ी। कई पर्यटकों के टिहरी झील आने का मुख्य कारण ये भी है।
कभी टिहरी के लिए अभिशाप मानी जा रही टिहरी झील अब स्थानीय लोगों के रोजगार का बड़ा जरिया बनती जा रही है। वर्तमान में टिहरी झील में विभिन्न तरह की बोट संचालित हो रही है। वहीं झील के आसपास भी कई लोगों ने इन्वेस्ट कर होटल, ढाबे, कॉटेज, टेंट हाउस बनाए हैं।
टाडा और पर्यटन विभाग ने कोटी कॉलोनी में थ्री स्टार होटल, बोट, फ्लोटिंग मरीना, इको लॉग हाउस, फ्लोटिंग हट्स स्थापित किये हैं। सरकार ने इन सभी संपत्तियों को होटल चैन के प्रतिष्ठित कंपनी ली –रॉय को पीपीपी मोड पर दी है। जल्द ही ये नामचीन कंपनी अपने टूर पैकेज शुरू करने वाली है। जिससे की टिहरी झील में और अधिक संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद जताई जा रही है।
मसूरी, धनौल्टी, नैनीताल और उत्तराखंड के अन्य पर्यटक स्थलों के साथ ही टिहरी झील में भी अधिक संख्या में पर्यटकों का आना जाना है। टिहरी झील के अभिशाप को विशवास में बदल कर झील की काया पलट करके पर्यटकों को पर्यटक स्थल मिला है और स्थानीय लोगों को रोजगार। आने वाले समय में झील को लेकर कई अपार संभावनाएं जताई जा रही है।