हैली सेवा शुरू, बिना सवारियों के हेलीकॉप्टर ने भरी उड़ान

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टिहरी। उड़ान योजना के तहत देहरादून से टिहरी, श्रीनगर होते हुए गौचर तक हेलीकॉप्टर सेवा शुक्रवार से शुरू हो गई। शुक्रवार को जौलीग्रांट से पवन हंस कंपनी के हेलीकॉप्टर ने सुबह 10.45 मिनट पर टिहरी में कोटी कालोनी स्थित हेलीपैड पर लैंड किया। 25 मिनट बाद हेलीकॉप्टर श्रीनगर के लिए रवाना हुआ, इसके बाद गौचर पहुंचा, लेकिन नौ सीटर हेलीकॉप्टर में कोई भी सवारी नहीं थी। हालांकि लौटने पर श्रीनगर से एक सवारी मिली।

29 जुलाई को यह सेवा शुरू होनी थी, लेकिन मौसम की खराबी के कारण यह शुरू नहीं हो पाई। टिहरी से शुक्रवार को रवाना हुए हेलीकॉप्टर में पायलट सलील परासर, को-पायलट हिमांशु पंडित और मेकेनिकल अजयपाल मौजूद था। नौ सीटर हेलीकॉप्टर में कोई सवारी नहीं थी।

हेलीकॉप्टर की सफल लैंडिंग पर स्थानीय लोगों ने पायलट और सहकर्मियों का स्वागत किया। इस मौके पर विधायक धन सिंह नेगी, एसडीएम फिंचाराम चैहान, सभासद पवन शाह, बेस मैनेजर सौम्या मलिक, रोशन थपलियाल आदि मौजूद थे। 

श्रीनगर से संजय बिश्नोई बने पहली सवारी
गौचर में बिना सवारी के पवन हंस कंपनी के दो पायलट सुबह 11.55 बजे हेलीकॉप्टर से गौचर हवाई पट्टी पहुंचे। इसके बाद 12.35 बजे हेलीकॉप्टर ने देहरादून के लिए उड़ान भरी। नायब तहसीलदार गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि देहरादून से गौचर तक कंपनी की हेली सेवा सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को उपलब्ध रहेगी। इस मौके पर थानाध्यक्ष गिरीश चंद्र शर्मा, भाजपा मंडल अध्यक्ष जयकृत बिष्ट, पवन हंस कंपनी के अधिकारी मौजूद थे।

श्रीनगर से देहरादून तक के लिए सिर्फ एक सवारी बैठी। संजय बिश्नोई उड़ान योजना के तहत इस हेलीकॉप्टर में पहली सवारी बने। जीवीके हेलीपैड पर पायलटों ने तहसीलदार सुनील राज, पुलिस क्षेत्राधिकारी एसडी नौटियाल और कोतवाल एनएस बिष्ट के साथ सुरक्षा और अग्निशमन के संबंध में चर्चा की।

पायलटों ने सुझाव दिया कि अग्निशमन के वाहन को हेलीपैड के समीप तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक रास्ते भी बनाए जाएं। इसके लिए टीम ने हेलीपैड से आगे की भूमि चयनित की। इसके अलावा हेलीपैड से स्थानीय लोगों के गुजरने पर भी रोक लगाने के लिए कहा गया। बताया गया कि हेलीकॉप्टर की ऑनलाइन के साथ ही हेलीपैड में ऑफलाइन बुकिंग की जा सकती है। इस मौके पर राजस्व उप निरीक्षक मानस मोहन, चैकी प्रभारी श्रीकोट महेश रावत और एसआई पंचम बुटोला आदि मौजूद थे।

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