- महिलाओं ने कई बार वन विभाग से फसलों की सुरक्षा की गुहार लगाई पर परिणाम शून्य रहा तो स्वयं कुछ करने की ठानी और फसलों की सुरक्षा का जिम्मा खुद उठा लिया.
- भिलंगना ब्लॉक के थाती पट्टी के भेटी, कुंडी, विटन, कुंडयाली, सौला, भिगुन व तिसरियाड़ा, चानी, डालगांव, कंडरास्यू गांव की महिलाएं अपने खेतों में खड़ी फसलों की सुअर, भालू व बंदरों से बचाने के लिए रात व दिन को बारी-बारी से फसलों की सुरक्षा करने में लगी हुई है.
घनसाली (टिहरी): क्षेत्र के कई गांवों की महिलाएं जंगली जानवरों से अपने खेतों की खड़ी फसलों की सुरक्षा के लिए रात भर खेतों में पहरा दे को विबस हैं. वन विभाग से गुहार लगा कर थक चुकी महिलायें अब अपनी फसलों की सुरक्षा स्वयं कर रही हैं. महिलाएं अलग-अलग समूह बनाकर खेतों में फसलों की रक्षा करती हैं.
महिलाओं ने कई बार वन विभाग से फसलों की सुरक्षा की गुहार लगाई पर परिणाम शून्य रहा तो स्वयं कुछ करने की ठानी और फसलों की सुरक्षा का जिम्मा खुद उठा लिया. भिलंगना ब्लॉक के थाती पट्टी के भेटी, कुंडी, विटन, कुंडयाली, सौला, भिगुन व तिसरियाड़ा, चानी, डालगांव, कंडरास्यू गांव की महिलाएं अपने खेतों में खड़ी फसलों की सुअर, भालू व बंदरों से बचाने के लिए रात व दिन को बारी-बारी से फसलों की सुरक्षा करने में लगी हुई है.
तिसरियाड़ा गांव के अमनदीप भट्ट ने बताया कि एक सप्ताह से पूर्व से गांव की महिलाएं छह-छह महिलाओं का समूह बनकर रात भर खेतों में खड़ी धान, चौलाई, मंडुवा, झगोरा, दाल आदि की फसलों की रखवाली करने में लगी हुई है। बताया कि महिलाएं रात को टार्च, कनस्तर, पटाखे, लाठी- डांडों के सहारे फसलों की रखवाली कर रही है. गांव की दर्शनी देवी, उदीना देवी आदि का कहना कि रात को जंगली सुअर खेतों में खड़ी फसलों को रौंदकर चले जाते हैं. जिससे उनकी छह माह की मेहनत बेकार हो जाती है.
महिलाएं चार-चार के समूह में अगल-अलग खेतों में फसलों की रखवाली करती है. महिलाओं का कहना कि उन्होंने फसलों की सुरक्षा के लिए कई बार वन विभाग से गुहार लगाई है, विभाग द्वारा कोई उपाय न किए जाने पर उन्होंने खुद ही फसलों की सुरक्षा करने का जिम्मा उठाया है. ग्रामीण मनमोहन भट्ट, रुकमा नेगी, गुदना देवी, शीशपाल सिंह, सुरेश नेगी, राहुल बिष्ट ने वन विभाग व प्रशासन से जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा की मांग की है.