50 साल बाद फिर शुरू हुई यह परंपरा, टिहरी के महाराज ने किया रावल का पट्टाभिषेक, जानें खास बातें

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Chardham Yatra 2024: Badrinath Dham Rawal Ishwar Prasad Namboodiri Pattabhishek completed after five decades

बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को खुल रहे है। इससे पहले बदरीनाथ धाम से संबंधित पांच दशक पहले समाप्त हुई रावल पट्टाभिषेक की ऐतिहासिक परंपरा दोबारा से शुरू की गई है। आज सोमवार को टिहरी राजदरबार नरेंद्र नगर में पूजा-अर्चना और विधि-विधान के साथ महाराजा मनुजयेंद्र शाह ने बदरीनाथ धाम के रावल का पट्टाभिषेक किया । इसके साथ ही सोने का कड़ा पहनाया।

इस परंपरा को बरकार रखने के लिए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने पहल की। जिसके बाद आज राज दरबार में पूजा अर्चना के बाद रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी को महाराजा मनुजयेंद्र शाह व महारानी माला राज्यलक्ष्मी शाह व बेटी शिरजा शाह ने बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय व उपाध्यक्ष किशोर पंवार की उपस्थिति में अंग वस्त्र भेंट कर सोने का कड़ा पहनाया।

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि रावल की नियुक्ति मंदिर समिति एक्ट 1939 से पहले महाराजा टिहरी द्वारा होती थी। यह पट्टाभिषेक एवं सोने का कड़ा उसी परंपरा का एक ऐतिहासिक एवं सास्कृतिक प्रतीक चिह्न है।

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