रुद्रपुर : कंपनियों में बारिश का पानी घुस जाने से करोड़ों रुपये का उत्पाद व मशीनें खराब हो गई हैं। इससे उद्यमियों की हालत खस्ता हो गई है। कंपनियों में कर्मचारियों ने बारिश का पानी किसी तरह निकाला। पानी राइस मिलों में भी घुस गया। इससे करीब पांच सौ करोड़ रुपये का धान व चावल नुकसान होने का अनुमान है। इससे मिलरों के माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं। मिलरों ने उपराष्ट्रपति व विधानसभा अध्यक्ष से मुआवजे की मांग की है।
तराई में इतनी बारिश हुई कि कंपनियों, दुकानों व घरों में घुस गया। बुधवार को मौसम साफ हुआ तो दुकानें व कंपनियां खुलीं तो किसी में एक फीट तो किसी कंपनी में या दुकान में तीन से चार फीट पानी भरा हुआ था। यहीं हाल राइस मिलों का रहा। लोगों ने मशीन से किसी तरह कंपनियों, दुकानों व शोरूम, कांप्लेक्स से पानी पाइप के जरिये बाहर निकाला। यूएस नगर में करीब चार सौ राइस मिलें हैं।
आल इंडिया फेडरेशन आफ राइस मिल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पीडी अग्रवाल ने बताया कि बारिश का पानी राइस मिलों में घुस गया। इससे करीब 10 लाख क्विंटल धान व इतने ही चावल खराब हो गया है। इससे मिलरों को करीब पांच सौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बताया कि इस मामले में आल इंडिया फेडरेशन ऑफ राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष, उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू व उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद्र अग्रवाल से मोबाइल पर बात हुई और नुकसान के बारे में बताया गया। साथ ही नुकसान का मुआवजा दिलाने की मांग की। केजीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष अशोक बंसल ने बताया कि कंपनियों में बारिश का पानी भर गया है। जब आकलन होगा, तब नुकसान का पता चल सकेगा। करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
इधर, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक चंचल बोहरा ने बताया कि उद्यमियों को पत्र भेजकर कहा है कि 17 व 18 अक्टूबर को हुई बारिश कंपनियों में कितना नुकसान हुआ है, उसकी आकलन रिपोर्ट डीआइसी कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इधर, आर्म इंडिया कंपनी के एमडी मुकेश कुमार ने बताया कि उनकी कंपनी में बारिश से करीब 80 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। सिडकुल की जोसीब हर्बल केयर के प्लांट हेड कमलेश माजिला ने बताया कि बारिश से कंपनी में करीब एक करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। गौरव इंटरप्राइजेज के स्वामी जगजीत ङ्क्षसह कालरा ने बताया कि दुकान में पानी से कार एसेसरीज का करीब 25 से 30 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।