ऊधमसिंह नगर। कृषि कानूनों के विरोध में ऊधमसिंह नगर जिले के बाजपुर और सितारगंज में किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली। इस दौरान सैकड़ों किसान ट्रैक्टर रैली में शामिल हुए। बता दें कि उत्तराखंड का हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिला किसान बहुल जिला है। इन जिलों से सैकड़ों किसान गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल हुए हैं।
बुधवार को ऊधमसिंह नगर जिले के किसानों ने एलान किया कि किसान रैली के जरिए विरोध जताएंगे और पीछे नहीं हटेंगे। रैली को सफल बनाने के लिए गांव-गांव एलान किया गया। ट्रैक्टर-ट्रॉली रैली निकाले जाने को लेकर पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट है। ट्रैक्टर रैली के दौरान लोगों को कई बार जाम का सामना करना पड़ा।
कांग्रेस की बैठक में दिल्ली के सिंधु बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन किया गया है। बैठक में पार्टी ने संगठन को मजबूत करने और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाने की अपील की गई।
किसान आंदोलन के समर्थन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोमवार को देहरादून जिले के डाकपत्थर में सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया था। पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात ने कहा था कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है। किसानों की आवाज को अनसुना किया जा रहा है।
कांग्रेस का प्रत्येक कार्यकर्ता किसानों के साथ जुड़ा हुआ है। कांग्रेस उनकी आवाज को बुलंद करने का काम करेगी। किसान बीते एक माह से दिल्ली की सड़कों पर धरना दे रहे हैं। जनता इसका बदला लेकर रहेगी।
हरिद्वार में पूर्व विधायक अंबरीष कुमार ने कहा है कि किसान आंदोलन केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए बल्कि सरकारी खरीद और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अस्तित्व की रक्षा के लिए भी है। जारी बयान में उन्होंने कहा कि उत्तरीय औद्योगिक देश जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाड़ा और यूरोपीय समुदाय के देश उष्ण कटि बंधीय फसलों को नही उगा सकते।
उन्होंने कहा है कि ये देश इन उत्पादों के निर्यात के लिए विकासशील देशों पर लगातार दबाव बनाया कि वे खाद्यान्न उनसे खरीदें, भले ही उनकी सार्वजनिक वितरण प्रणाली नष्ट हो जाए। अंबरीष कुमार ने कहा कि भारत के किसानों ने कांट्रेक्ट फार्मिंग का स्वाद चख लिया हैं। उनका स्पष्ट कहना हैं कि वो शक्तिशाली संवेदन शून्य और निजी कंपनियों से व्यापार नहीं करना चाहते।