रुद्रपुर : सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही ऊधम सिंह नगर में आग पर काबू पाने के लिए 91 नए फायर हाइड्रेंट का निर्माण शुरू किया जाएगा। इसके लिए फायर विभाग ने जिले के 11 कस्बों में जगह चिह्नित कर ली है। साथ ही फायर हाइड्रेंट निर्माण के लिए प्रस्ताव बनाकर जल संस्थान को भेज दिया गया है। जहां से इसे मंजूरी देते हुए प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। माना जा रहा है कि शासन से हरी झंडी मिलने के बाद इनका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
तराई में गर्मी शुरू होते ही आग लगने की घटनाएं शुरू हो जाती हैं। फैक्ट्री, दुकान, घरों के साथ ही अन्य प्रतिष्ठानों पर लगने वाली आग से हर साल करोड़ों रुपये की संपत्ती राख हो जाती है, साथ ही कई बार जानमाल का भी नुकसान होता है। ऐसे समय पर फायर विभाग के दमकल वाहन मौके पर पहुंचकर आग से होने वाले नुकसान को बचाते है। कई बार आग की घटनाओं में दमकल वाहनों को पानी उपलब्ध नहीं हो पाता, जिससे आग समय पर काबू नहीं हो पाती है। हालांकि इसके लिए जिले में जगह जगह फायर विभाग के लिए फायर हाइड्रेंट भी बनाए गए हैं, जिसमें से अधिकतर जमींदोज हो गए हैं।
जिले में केवल 25 फायर हाइड्रेंट ही कार्यशील है। इसे देखते हुए अब फायर विभाग ने जिले भर में 91 फायर हाइड्रेंट बनाने की तैयारी कर रहा है। इसमें रुद्रपुर में 10, गदरपुर में पांच, दिनेशपुर में चार, किच्छा में सात, बाजपुर में 9, काशीपुर मे 18, जसपुर में सात, सितारगंज में छह, नानकमत्ता में चार, शक्तिफार्म में चार और खटीमा में 16 जगह फायर हाइड्रेंट के लिए चिह्नित कर लिए गए हैं। फायर हाइड्रेंट निर्माण के लिए जगह चिह्नित करने के बाद फायर विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर जल संस्थान को भेज दिया है।
47 हाइड्रेंट चल रहे खराब
जसपुर से लेकर खटीमा-झनकइया तक 72 फायर हाइड्रेंट हैं। वर्तमान में केवल 25 हाइड्रेंट ही काम कर रहे हैं। जबकि 47 हाइड्रेंट खराब हो चुके हैं। इसमें से कुछ तो जमींदोज भी हो चुके हैं। कई बार फायर विभाग इनके मरम्मत के लिए संबंधित विभागों से पत्राचार भी कर चुका है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। फायर स्टेशन के अधिकारियों के मुताबिक जमींदोज हाइड्रेंट की मरम्मत करना मुश्किल है, सड़कें चौड़ीकरण के चलते वह पूरी तरह से दब चुकी हैं।
सीएफओ वंश बहादुर यादव का कहना है कि अधिकांश फायर हाइड्रेंट खराब हो चुके हैं। पूर्व में और वर्तमान में प्रस्तावित 91 फायर हाइड्रेंट का प्रस्ताव बनाकर जल संस्थान को भेज दिया गया है। जल संस्थान ने भी प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। बजट मिलते ही नए फायर हाइड्रेंट निर्माण शुरू किया जाएगा।