किच्छा : इंटरार्क में उत्पादन करने के लिए आंदोलनकारी श्रमिकों ने डयूटी पर जा रहे कर्मचारियों को रोकने के लिए धमकाया। अपने प्रयास में सफल न होने पर तमंचों से लैस होकर आंदोलनकारी नेता सहित दर्जनों श्रमिकों ने डयूटी पर जा रहे कर्मियों पर हमला कर दिया। पुलिस ने सात नामजद सहित 25 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इंंटरार्क फैक्ट्री में आंदोलन ने अब अराजकता का रूप ले लिया है। आंदोलन में शामिल न होने वाले श्रमिकों को धमका कर अपने साथ मिलाने के प्रयास तेज हो गए हैं। 12 सितंबर को ड्यूटी जाने निकले इंटरार्क कर्मियों को आंदोलन समिति के दलजीत सिंह ने अपने मोबाइल से धमकी देकर डयूटी पर आने पर जान से मारने की धमकी दी।
20-50 लोगों ने घेरकर किया हमला
उनकी बात न मान कर जब वह 12 सितम्बर रात्रि साढ़े दस बजे ड्यूटी पर जाने लगे तो अवैध असलाह से लैस आंदोलनरत कर्मचारी दलजीत सिंह पुत्र अमरीक सिंह, पान मोहम्मद पुत्र मोहम्मद इस्माइल, मुकेश पुत्र बद्री प्रसाद, लीलाधर पुत्र पूरन लाल, महेश पुत्र प्रभु चरण, हुकुम सिंह पुत्र पूरन लाल, सुशील पांडेय पुत्र राज नारायण पांडेय व अन्य 20-25 बाहरी लोगों ने उनको घेर कर हमला कर दिया।
तमंचा दिखाकर जान से मारने की धमकी
उनके विरोध करने पर हमलावरों ने उन्हें तमंचे दिखा कर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने सितारगंज निवासी इंटरार्क कर्मी वीरू सिंह, सुखवीर सिंह, गुरमेल सिंह, शेर सिंह, रंजीत सिंह के प्रार्थना पत्र पर आंदोलन समिति के दलजीत सिंह, पान मोहम्मद, मुकेश, लीलाधर, महेश, हुकुम, सुशील पांडेय सहित 25 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
अगस्त-2021 से चल रहा है आंदोलन
इंटरार्क मजदूर संघ के बैनर तले अगस्त-2021 से मांगों को लेकर कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। संगठन के अध्यक्ष दलजीत सिंह का कहना है कि वे लोग ठेकेदारी प्रथा बंद करने, मांगपत्र पर समझौता करने, रुका हुआ बोनस और एलटीए का भुगतान करने व श्रमिकों से गैर कानूनी तरीके से हस्ताक्षर कराए गए कागजों को नष्ट करने आदि मांगों को लेकर आंदोलन कर हैं और उनके आंदोलन को भटकाने की कोशिश हो रही है। आरोप बेबुनियाद हैं।