जहां पहाड़ी इलाक़ो में जम कर बर्फबारी हो रही है तो वहीं मैदानी इलाकों में बारिश हो रही है जिससे मैदानी इलाकों में हो रही बारिश किसानों और आवारा पशुओं के लिए एक मुसीबत बन कर बरस रही है। एक ओर किसान कर्ज के तले दवा हुआ हैं वहीं इस बारिश ने किसानों की कमर तोड़ ओर रख दी है। वर्ष की पहली बारिश किसानों के लिये फायदेमंद थी तो अब ये बारिश किसानों के लिए कहर बन कर बरस रही है। वहीं बारिश से ठंड का प्रकोप भी बढ़ता नज़र आ रहा है।
आपको बता दें कि जहाँ वर्ष की पहली बारिश किसानों के लिए एक अमृत के समान बरसी थी तो अब ये बारिश किसानों के लिए आफत बन कर बरस रही है । हो रही इस वारिस से किसानों की मटर ओर आलू की फसल को भारी नुकसान है जिससे किसानों की मटर ओर आलू की सैकड़ो एकड़ फ़सल नष्ट हो सकती है। खिलखिलाती धूप के बाद देर रात्रि से लगातार मेघ बरस रहें हैं। जहां किसानों के चेहरे खिले थे, तो अब लगातार हो रही बारिश से किसानों के माथे पर चिंता की लकीर बन रही है। पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी से मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड बढ़ गयी है। बारिश से इंसानों के साथ-साथ आवारा पशुओं पर आफत बनकर बरस रही है।कड़ाके की ठंड और पड़ रही तेज़ बारिश में खुले आसमान के नीचे खड़े होने को आवारा पशु मजबूर है ।