वैश्विक महामारी कोरोना से निजात पाने के लिए पूरी दुनिया में कोशिशें जारी हैं। इस बीच कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है। लोगों को वैक्सीन के पंजीकरण के लिए लगातार कॉल की जा रही हैं।
इसमें आधार के साथ मोबाइल पर आए ओटीपी की जानकारी मांगी जा रही है। इस तरह की जानकारी देने से बैंक खातों से रकम उड़ाई जा सकती है। साइबर ठगों से बचने के लिए पुलिस व साइबर सेल लोगों को जागरूक कर रही है।
देश के वैज्ञानिकों ने कोविड वैक्सीन विकसित करने में सफलता पाई है। भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। फ्रंट लाइन वारियर्स को शुरुआत में वैक्सीन लगाने की तैयारी की जा रही है। ऊधमसिंह नगर जिले में अभी वैक्सीन के आने का इंतजार है।
इसी बीच, साइबर ठग लोगों को वैक्सीन के नाम पर ठगने की कोशिश में जुट गए हैं। साइबर सेल में इस तरह के तीन मामले खटीमा और जसपुर से सामने आ चुके हैं। पुलिस और साइबर सेल ठगों से लोगों को जागरूक रहने की सलाह दे रहा है।
एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने कहा है कि ठग कोविड-19 के टीके के नाम पर लिंक भेजते हैं तो उससे बचा जाए। लिंक को खोलने से बैंक खातों का डाटा चोरी होने के साथ रुपयों की ठगी हो सकती है। कोरोना वैक्सीन के लिए किसी भी तरह के पंजीकरण अभी तक नहीं किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संबंध में कोई जानकारी साझा की जाएगी तो वह अधिकारिक रूप से होगी।
कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण के नाम पर ठगी करने वाले झांसा देते हैं कि वैक्सीन आ रही है। आपको पहले चरण में टीका लगा दिया जाएगा। इसके लिए भुगतान भी कम देना होगा। पंजीकरण के नाम पर संबंधित व्यक्ति के आधार कार्ड और मेल से संबंधित जानकारी मांगी जाती है। आधार कार्ड के सत्यापन के लिए नाम पर मोबाइल में आए ओटीपी की जानकारी मांगी जाती है। ओटीपी और आधार नंबर देने पर बैंक खाते से रकम निकाली जा सकती है।
कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण के नाम पर आने वाले कॉल से सावधान रहें। वैक्सीन बनकर तैयार हो रही है लेकिन इसे लगाने के लिए किसी भी तरह के पंजीकरण नहीं कराए जा रहे हैं। साइबर ठग पंजीकरण के नाम पर बैंक खातों में डाका डाल सकते हैं। अपने आधार कार्ड व मोबाइल पर आने वाले बैंक खाते की जानकारी किसी को न दें.
-अशोक कुमार, डीजीपी(उत्तराखंड)