मलबा आने से बंद टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग चौथे दिन खुल गया। टनकपुर और पिथौरागढ़ के बीच वाहनों की आवाजाही सुचारू हो गई है, हालांकि दिल्ली बैंड के पास लगातार पत्थर गिर रहे हैं, जिससे खतरा बना हुआ है। मूसलाधार बारिश होने पर सड़क के फिर बंद होने की आशंका बनी हुई है। पर्वतीय जिलों के दर्जनों ग्रामीण मार्ग मलबा आने से बंद हो गए हैं। 65 घंटे तक हाईवे के बंद रहने से पिथौरागढ़ जिले में डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस का संकट गहरा गया। शनिवार को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
कुमाऊं में बृहस्पतिवार रात और शुक्रवार को दिन भर बारिश होती रही। टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग मंगलवार की रात करीब दस बजे घाट से चुपकोट बैंड तक सात स्थानों पर बंद हो गया था। एनएच के लोहाघाट खंड ने मलबा हटाने के लिए मशीनें लगाईं लेकिन विशालकाय बोल्डर और हजारों टन मलबा आने से मार्ग को पूरी तरह खोलने में 65 घंटे लग गए। एनएच ने चुपकोट बैंड में बुधवार की शाम को ही सड़क खोल दी थी, लेकिन दिल्ली बैंड से घाट पुलिस चौकी तक आया मलबा हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। शुक्रवार को अपराह्न तीन बजे मलबा हटाकर हाईवे पूरी तरह सुचारु कर दिया गया।दिल्ली बैंड पर अभी भी पहाड़ी दरकने का सिलसिला जारी है। एनएच के अपर सहायक अभियंता दिनेश गिरिराज ने बताया कि शुक्रवार की शाम वाहनों की आवाजाही सुचारु हो चुकी है। बारिश होने पर पहाड़ी में फिर से भूस्खलन होने की आशंका है। मशीनें मौके पर लगी हुई हैं। मलबा आने पर सड़क खोलने के तत्काल प्रयास किए जाएंगे। इधर, चंपावत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की 25 सड़कें बंद हैं। टनकपुर-चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वांला के पास मलबे आने से दो घंटे तक आवाजाही ठप रही। दलदल और इस स्थान पर पहाड़ी से पत्थर गिरने से आवाजाही बेहद जोखिम भरी है। भारतोली के पास सड़क तो खुली है, लेकिन यहां भी खतरा बना है।
अल्मोड़ा में 66 एमएम बारिश हुई। सुबह अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया गया था, जिसे मलबा हटाकर सुचारू कर दिया गया। जिले में एक राज्यमार्ग और सात ग्रामीण मोटरमार्ग भी बंद रहे। वहीं कई आंतरिक और ग्रामीण पैदल मार्ग भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
बागेश्वर में भारी बारिश के दौरान मालता गांव में चरण सिंह के मकान की छत पर पेड़ गिर गया। गनीमत रही कि उस समय मकान में कोई नहीं था। गरुड़ तहसील के राजकीय आदर्श जूनियर हाईस्कूल उड़खुली का परिसर भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गया। इससे स्कूल भवन भी खतरे की जद में है। भूस्खलन और मलबा गिरने से जिले की 20 सड़कों पर यातायात ठप हो गया है। बिजली लाइनें क्षतिग्रस्त होने से 20 गांवों की आपूर्ति बाधित हो गई है। लगातार बारिश से नदी-नाले उफना गए हैं। इधर, ऊधमसिंह नगर में 22.2 एमएम बारिश रिकॉर्ड हुई। बारिश के चलते लोगों को उमस और गर्मी से राहत मिली, लेकिन लोगों को कई क्षेत्रों में जलभराव से जूझना पड़ा।