रुद्रपुर। बीते साल कोरोना संक्रमण की शुरुआत में जिस तरह मेडिकल स्टाफ व डाक्टरों ने दिन व रात एक कर संक्रमण को दूर करने के लिए काम किया वह काबिलेतारीफ है। इस साल भी संक्रमण कहर मचा रहा है। ऐसे में एक बार फिर डॉक्टरों और नर्सों का जज्बा देखने के लिए मिल रहा है। रुद्रपुर में आवास विकास निवासी डा. शिल्पा गुप्ता का भी हौसला देखने के लिए मिल रहा है। वह जिला अस्पताल में चार वर्षों से नेत्र सर्जन के पद पर अपनी सेवाएं दे रही हैं। उनके पति डा. अभिषेक गुप्ता भी फिजीशियन व डायबिटीज एक्सपर्ट हैं।
डा. शिल्पा गुप्ता ने बीते साल कोरोना संक्रमण के प्राथमिक चरण में जब कोरोना नाम सुनते ही लोग डर जा रहे थे अपने डेढ़ वर्ष के बेटे अभिनंदन को घर में छोड़ा और कोविड डयूटी में हर स्तर पर पूरे मनोयोग से काम कियाा। इसमें चाहे इमरजेंसी डयूटी हो, कैंप में सैंपलिंग का काम हो या फ्लू क्लीनिक में दिन रात एक करना रहा हो डा. शिल्पा गुप्ता ने अपने कदम पीछे नहीं हटाए। दुधमुंहे बच्चे अभिनंदन को घर में छोड़कर खुद सुबह से रात आठ बजे तक जिला अस्पताल में कोविड मरीजों की सेवा की।
डा. शिल्पा ने बताया कि कोविड संक्रमण काल में उन्होंने जिस मनोयोग से जिला अस्पताल में अपनी जिम्मेदारी निभाई उसमें परिवार खासकर पति डा. अभिषेक गुप्ता का बड़ा योगदान है। उन्होंने हर कदम पर उनके फैसले को सराहा और हौसला बढ़ाया। बेटे की फिक्र रहती थी लेकिन अपने चिकित्सकीय कर्म के साथ घर की जिम्मेदारी को बखूबी निभाने के लिए सामंजस्य बेहतर बना लिया।
डाक्टर शिल्पा गुप्ता का कहना था कि वर्तमान में भी जब कोविड संक्रमण की दूसरी लहर चल रही है। वह अभी भी पूरी तन्मयता के साथ हर डयूटी को निभाने के लिए तैयार हैं। आखिर डाक्टर का धर्म ही सेवा है फिर इससे पीछे कैसे हटा जा सकता है। अभी भी वह नेत्र सर्जन होने के कारण रोजाना ऑपरेशन कर रही हैं। इसमें घर की जिम्मेदारियां कहीं आड़े नहीं आतीं।