रुद्रपुर : सरकार की तरफ से जिला अस्पताल व सीएचसी में निश्शुल्क पैथोलाजी जांचों के लिए छह अगस्त से शासनादेश किया गया है। लेकिन कौन -कौन सी जांचें इसके दायरे आएंगी, इसकी सूची जिला अस्पताल प्रशासन को नहीं भेजी है। खून से संबंधित जांचों के लिए निजी सेंटर स्थापित कर दिए गए हैं। जहां लोगों को जानकारी न होने से अभी जांचों की संख्या कम ही है।
रुद्रपुर जिला अस्पताल में रोजाना कम से कम पांच सौ से अधिक मरीजों की ओपीडी हो रही है। इनमें कम से कम 150 मरीजों की विभिन्न पैथोलाजी जांचें की जा रही हैं। जिसमें रूटीन में लगभग 50 जांचें पूर्व की तरह ही निश्शुल्क हैं। जिसमें गोल्डन कार्ड धारक, बीपीएल व दूसरी योजनाओं से आच्छादित लाभार्थी हैं। जिन्हें इसका लाभ दिया जा रहा है। नए शासनादेश आने के बाद किन जांचों को और इस कैटेगरी में शामिल किया गया है कौन सी जांचें आम मरीजों के लिए निश्शुल्क की गई हैं। इसकी जानकारी जिला अस्पताल के पीएमएस डा. रविंद्र सिंह सामंत के पास नहीं है। उनका कहना था कि मुख्यालय से इसको लेकर कोई सूची नहीं मिली है।
वहीं जिला अस्पताल में ही खोले गए निजी चंदन डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक हिमांशु नेगी ने बताया कि अभी बीती 12 अगस्त से आठ से 10 सैंपल ब्लड के लिए जा रहे हैं। लोगों को जैसे -जैसे पता चलेगा उसके बाद ही संख्या बढ़ने की उम्मीद है। यहां पर उनका कहना था कि केवल ब्लड से संबंधित जांचें ही किए जाने का अनुबंध कंपनी का सरकार के साथ हुआ है।
दूसरी तरफ जिला अस्पताल के पैथोलाजिस्ट डा. आरबी वर्मा ने बताया कि सरकार ने जो 207 प्रकार की जांचों को निशुल्क किए जाने का फरमान जारी किया है। उसमें जांचों को फेज वन, टू व थ्री में विभाजित किया गया है। जो जांचें यहां पर नहीं हो सकेंगी उनकी जांच रेफर किए गए मरीज के परिजन संबंधित रेफरल सेंटर पर करा सकेंगे। इसको लेकर गाइडलाइंस आनी बाकी हैं।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल रुद्रपुर डा. रविंद्र सिंह सामंत ने बताया कि निजी तौर पर सरकार की तरफ से जांच सेंटर खोले जाने के बाद की स्थिति में संभावना है कि पैथोलाजी सेंटर पर भीड़ कम लगे। अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि कौन सी जांचें निश्शुल्क की श्रेणी में बढ़ाई गई हैं। इनकी सूचनी का इंतजार कार्यालय को है। जिसके बाद ही सारी स्थिति साफ हो सकेगी।