उत्तराखंड के पूर्व सीएम और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने अपने ‘पंज प्यारे’ वाले अपने बयान के लिए गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब परिसर में झाड़ू लगाकर और संगत के जोड़े साफ कर गलती का प्रायश्चित किया। उनका कहना था कि उनकी मंशा किसी की तुलना पंज प्यारों से करने की नहीं थी।
बीते मंगलवार को हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और कार्यवाहक अध्यक्षों के लिए पंज प्यारे शब्द का इस्तेमाल किया था। इसके बाद विवाद तेज हो गया था। विपक्षी दलों ने रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।शिरोमणि अकाली दल ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में रावत के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग तक कर डाली थी, हालांकि अगले ही दिन बुधवार को रावत ने पंजाब भवन में पत्रकारों से बातचीत में अपने बयान को लेकर माफी मांगते हुए कहा था कि उन्होंने गलती की है।
वे अपनी गलती के लिए माफी मांगते हैं और वह अपने राज्य उत्तराखंड में गुरु के घर में झाड़ू लगाकर अपनी इस गलती का प्रायश्चित करेंगे। इसके बावजूद प्रदेश के कई हिस्सों में हरीश रावत के खिलाफ लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं।
शुक्रवार को कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के साथ नानकमत्ता पहुंचे हरीश रावत ने गुरुद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब परिसर में झाड़ृ लगाई और संगत का जोड़ा साफ कर अपने गलती का प्रायश्चित किया। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत की ओर से पंज प्यारों के बयान पर माफी मांगने पर गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा का साथ मिला है।
बिंद्रा का कहना है कि इस बात को अब कुछ राजनीतिक दलों की ओर से अपने-अपने ढंग से उछाला जा रहा है, जो गलत है। नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि चुनाव के दिनों में इस बात को तूल देकर उछालना और आगे बढ़ाते रहना राजनीतिक उद्देश्य ही माना जाएगा।उन्होंने सभी लोगों से निवेदन किया कि इस बात को अब यहीं समाप्त कर देना चाहिए। हरीश रावत ने सिख समाज के लिए बहुत से कार्य किए हैं, उनका सम्मान किया जाना चाहिए। यही सिख सिद्धांतों के अनुकूल और समुदाय के हित में रहेगा। उन्होंने अनजाने में कहे अपने शब्दों के लिए क्षमा याचना की है।