पिता-पुत्र ने कबुला बेटी-दामाद की हत्या का जुर्म, बोले-मौत ही दोनों के लिए सही सजा

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काशीपुर। उत्तराखंड के काशीपुर में बेटी-दामाद की हत्या के आरोपियों को वारदात का कोई मलाल नहीं है। कहा कि बेटी ने खानदान को कलंकित किया था। मौत ही इनके लिए सही सजा थी। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त दो तमंचे और तीन खोखे बरामद कर लिए हैं। 


अल्ली खां के नईम सिद्दीकी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि पड़ोस में रहने वाले मुजम्मिल, उसके पुत्र मोहसिन, अफसर अली और जौहर अली ने 7 सितंबर की रात करीब साढ़े आठ बजे उसके भाई राशिद (22) और उसकी पत्नी नाजिया (19) की हत्या कर दी। बृहस्पतिवार को एएसपी राजेश भट्ट ने वारदात का खुलासा किया। बताया कि पुलिस ने बुधवार शाम लोहिया पुल के पास से मुजम्मिल और उसके पुत्र मोहसिन को गिरफ्तार कर लिया। उनकी निशानदेही पर 315 बोर के दो तमंचे और तीन खोखे बरामद किए हैं। 

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने कहा कि प्रेम विवाह करने को लेकर उनके मन में बहुत गुबार था। वह खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे। इसी कारण दोनों को खत्म करने की ठान ली। कहा कि राशिद चिढ़ाने के लिए उनके दरवाजे पर बाइक का हॉर्न बजाता था। पुलिस टीम को एसएसपी की ओर से ढाई हजार और एएसपी की ओर से डेढ़ हजार रुपये इनाम की घोषणा की गई है। 

नाजिया के घर से भागने के बाद ही मुजम्मिल ने दोनों को खत्म करने की बात मन में ठान ली थी। तीन माह पूर्व उन्होंने जसपुर निवासी गुच्छन खां से दो तमंचे और आठ कारतूस खरीदे थे। बदनामी के कारण मुजम्मिल ने काशीपुर छोड़ने का मन बना लिया था। उसने अपनी पत्नी को दूसरी बेटी के घर भेज दिया था। अपनी गाड़ी के पंजीकरण दस्तावेज भी उसने एआरटीओ कार्यालय में सरेंडर कर दिए थे। 

एक माह पूर्व उसने मकान का सौदा भी कर दिया था। मुजम्मिल ने बताया कि 15 दिन पहले बेटी और दामाद के पतरामपुर में कालू सैयद बाबा के मजार पर चादरपोशी करने जाने की सूचना मिली। मैंने मजार तक उनका पीछा भी किया लेकिन राशिद वहां नाजिया के साथ नही पहुंचा था। 

एएसपी राजेश भट्ट ने बताया कि दोहरे हत्याकांड के शेष दो आरोपियों के मामले में जांच जारी है। बताया गया कि मुजम्मिल के दोनो सालों अफसर और जौहर अली की हत्यारोपियों से बोलचाल बंद थी। ऐसे में उनकी संलिप्तता के संबंध में जांच की जा रही है।

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