दिल्ली से टनकपुर जा रही पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस के रोलडाउन होकर उल्टी दिशा में दौड़ने के मामले में लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड को सस्पेंड कर दिया गया है। ट्रेन को खटीमा के गेट संख्या 35 पर सुरक्षित रोक लिया गया। हादसे के समय ट्रेन में 64 यात्री सवार थे। सभी यात्रियों के सुरक्षित रहने से रेलवे ने भी राहत की सांस ली है। सभी यात्रियों को सड़क मार्ग से बस द्वारा भेजा गया। अधिकारियों का कहना है कि एक गाय के इंजन से टकराने के बाद ब्रेक नहीं लगने से हादसा हुआ।
ताया जा रहा है कि दिल्ली से पीलीभीत होकर टनकपुर जा रही पूर्णागिरि जन शताब्दी एक्सप्रेस टनकपुर में होम सिग्नल से जैसे ही गुजर रही थी वहां एक गाय ट्रेन की चपेट में आ गई। चालक दल ने ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका। इसके बाद जब ट्रेन को आगे बढ़ाने के लिए वैक्यूम खींचा गया तो आश्चर्यजनक रूप से ट्रेन टनकपुर जाने के बजाए विपरीत दिशा में (रोलडाउन) चलने लगी। ट्रेन में सवार सभी 64 यात्री भी पीछे को जा रही ट्रेन को देखकर दंग रह गए। ट्रेन को बमुश्किल खटीमा में गेट संख्या 35 पर रोका जा सका। सीपीआरओ पंकज सिंह ने बताया कि तत्काल मामले की जांच शुरू कर दी गई। लोको पायलट, सहायक लोको पायलट और गार्ड पर को सस्पेंड किया गया है।
ट्रैक पर छोटे-छोटे पत्थर डालकर रोकी ट्रेन
टनकपुर रेलवे स्टेशन के अधीक्षक डीएस दरियाल ने बताया कि ट्रेन रिवर्स होने की सूचना मिलते ही रेल कर्मियों को अलर्ट कर दिया गया था। ब्रेक फेल हो चुके थे। लिहाजा ट्रेक अवरुद्ध करके ही ट्रेन रोकना एकमात्र विकल्प रह गया था। बताया कि इसी के चलते रेलवे कर्मियों ने इस ट्रेक पर जगह-जगह छोटे-छोटे पत्थर बिछा दिए थे। इससे ट्रेन की रफ्तार धीरे-धीरे कम हो गई। रफ्तार कम होने पर ही ट्रेन रुक पाई। अधीक्षक के मुताबिक यदि ट्रेक पर बड़े पत्थर डाल दिए जाते तो ट्रेन के पलटने का खतरा हो सकता था।