बदनामी के डर से दो युवकों ने बेरहमी से किया दोस्त का कत्ल, धड़ से अलग कर दिया सिर, तस्वीरें

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उत्तराखंड के काशीपुर में दोस्त की पत्नी को भड़काने और नशेड़ी कहकर क्षेत्र में बदनाम करने की रंजिश में दो दोस्तों ने अपने ही दोस्त विशाल की बेरहमी से हत्या कर दी। गुरुवार को विशाल हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त पाटल और मृतक का मोबाइल बरामद कर लिया है। पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव (धड़) परिजनों को सौंप दिया है, जबकि उसका सिर और एक हाथ अभी नहीं मिला है।

गुरुवार को आईटीआई थाने में एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि 19 नवंबर को आईटीआई थाना क्षेत्र के गांव धीमरखेड़ा निवासी राजकुमार ने पैगा चौकी में तहरीर दी थी। कहा था कि उनका 21 वर्षीय पुत्र विशाल 18 तारीख को लापता हो गया है। उन्होंने अनहोनी की आशंका जताई थी। एसपी ने विशाल की बरामदगी के लिए आईटीआई थाना पुलिस के साथ एसओजी को भी लगाया।

कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली और उसके मोबाइल की सीडीआर निकाली। इस बीच पुलिस को पता चला कि लापता होने से पहले विशाल को खोखराताल धीमरखेड़ा निवासी संदीप सिंह और दीक्षानगर धीमरखेड़ा निवासी सचिन उर्फ नन्नू के साथ देखा गया था। शक के आधार पर पुलिस ने संदीप और सचिन से सख्ती से पूछताछ की तो दोनों टूट गए।

उन्होंने इस वारदात का खुलासा कर दिया। बताया कि उन दोनों ने ही 18 नवंबर को विशाल को धीमारखेड़ा बुलाया था। इसके बाद वह उसे रजपुरा डैम ले गए। वहां हाथ और सिर काटकर उसकी हत्या कर दी। शव घटनास्थल से डेढ़ किलोमीटर दूर दलदल में दबा दिया। आरोपियों की निशानदेही पर बुधवार को पुलिस ने विशाल का धड़ बरामद कर लिया।

एसपी प्रमोद कुमार ने बताया कि घटनास्थल के आसपास ही आरोपियों ने हाथ और सिर भी दबाया है, लेकिन काफी तलाश करने के बाद भी अभी तक हाथ और सिर बरामद नहीं हो सका है। गुमशुदगी को धारा 364, 302, 201 और 120 बी में तरमीम कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार, संदीप ने पूछताछ में बताया कि मृतक विशाल, नन्नू और वह तीनों दोस्त थे। विशाल ज्यादातर संदीप के साथ ही रहता था।

कुछ दिनों से विशाल संदीप को नशेड़ी कहकर बदनाम कर रहा था। उसने संदीप की पत्नी से भी उसके नशेड़ी होने की बात कही थी। साथ ही वह संदीप की पत्नी को उसके खिलाफ भड़का रहा था। कहता था कि संदीप अच्छा आदमी नहीं है, नशेड़ी है। तुमने संदीप के साथ शादी करके गलती की है। इससे अच्छा तो तुम्हारा पहला पति ही था। इस बात को लेकर उसका पत्नी से झगड़ा भी हुआ था।

विशाल की इन सब बातों से संदीप को शक हो गया कि अब शायद उसकी दूसरी पत्नी भी उसे छोड़कर चली जाएगी। वह विशाल से इतना चिढ़ गया कि उसने नन्नू के साथ मिलकर उसे मारने की योजना बना ली। 18 नवंबर को संदीप और नन्नू ने विशाल को बहाने से धीमरखेड़ा बुला लिया। बाद में उसे बाइक पर बैठाकर रजपुरा डैम ले गए, जहां उन्होंने पाटल से उसका गला और हाथ काटकर हत्या कर दी।

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