हाईकोर्ट नैनीताल के आदेश के बाद भी दो राज्य आंदोलनकारियों को अभी तक भी पेंशन नहीं मिली है। हालांकि जिलाधिकारी सवा माह पहले पेंशन के लिए शासन को लिख चुकी हैं। बावजूद इसके पेंशन नहीं मिली है। दोनों अब तक चार बार आवेदन कर चुके हैं। इतना ही नहीं, इन आंदोलनकारियों को राष्ट्रीय पर्वों पर भी नहीं बुलाया जाता है। इससे वह आहत हैं।
वर्ष 1994 में राज्य आंदोलन के दौरान ग्राम पतरामपुर निवासी सरदारा सिंह, जसपुर के मनीष अग्रवाल, नीरज कुमार, ग्रीश चंद्र को तत्कालीन पुलिस अफसरों ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। चारों आंदोलनकारियों ने जेल में यातनायें सहीं। राज्य बनने के बाद सरकार ने चारों को राज्य आंदोलनकारी का दर्जा देकर नौकरी करने का ऑफर दिया। नीरज एवं ग्रीश ने नौकरी कर ली।
पारिवारिक कारणों से मनीष एवं सरदारा ने नौकरी करने से इंकार कर दिया। सरकार ने 14 साल पहले सुविधायें देने के लिए दोनों के कार्ड बना दिये। लेकिन, 12 साल पहले आंदोलनकारियों के लिए शुरू की गई पेंशन से दोनों आंदोलनकारी महरूम हैं। पेंशन के लिए मनीष एवं सरदारा ने कई बार डीएम को पत्र लिखे। लेकिन, हर बार तहसील स्तर से जांच रिपोर्ट मंगाई तो गई।
लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। पेंशन न मिलने पर मनीष अग्रवाल ने जून में हाईकोर्ट का सहारा लिया। हाईकोर्ट ने डीएम को मामला निस्तारित करने के निर्देश दिए थे। डीएम ने माह सितंबर में शासन को पेंशन के लिए पत्र भेजा है। इसके बाद भी अभी तक पेंशन नहीं मिली है। मनीष अग्रवाल ने बताया कि वह चार बार आवेदन कर चुके हैं।