युवती का नहाते हुए वीडियो बनाने वाले छह जून तक पेश न हुए तो घर भेजा जाएगा बुल्‍डोजर

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किच्छा : महिला के नहाते हुए वीडियो बनाने के बाद पथराव के मामले में प्रशासन ने कड़ा रुख अपना लिया है। आरोपितों के छह जून तक एसडीएम न्यायालय में पेश न होने पर प्रशासन के उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रहा है। आरोपित अपने घरों से फरार चल रहे है। प्रशासन के नोटिस के बाद भी उनकी संपत्ति संबंधित दस्तावेज प्रशासन के सामने नहीं दिखाए है।

24 मई को घर में फर्नीचर का काम कर रहे आरिफ ने विश्वास का गला घोंटते हुए घर की महिला की नहाते हुए वीडियो बनाने के बाद पकड़ लिया था। उसके बाद उनके घर पर पथराव कर आरोपित को उसके घर वाले छुड़ा ले गए थे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया तो आरोपित पक्ष ने न्यायालय से स्टे की कार्रवाई कर दी थी। उसके बाद पुलिस ने मुख्य आरोपित आरिफ के साथ ही उसके भाई को सीआरपीसी की धारा 41 का नोटिस दे दिया था।

पुलिस ने इस मामले में आठ लोगों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई के साथ ही 11 लोगों के खिलाफ 107-116 की कार्रवाई करते हुए दो-दो लाख रुपये के मुचलके पर पाबंद करने की सिफारिश की है। इसके नोटिस भी पुलिस ने आरोपितों के घर पर चस कर दिए थे। साथ ही पुलिस ने एसडीएम को आरोपितों द्वारा अर्जित संपत्ति की जांच के लिए भी पत्र लिखा था।

जिस पर राजस्व व चकबंदी विभाग ने आरोपितों की संपत्ति संबंधित दस्तावेज दूसरे दिन भी उनके घर जाकर मांगे। तहसीलदार सुरेश चंद्र बुड्लाकोटी, प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार सिंह, एसएसआइ शंकर सिंह रावत, सहित भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात किया गया था।

तहसीलदार बुड़लाकोटी ने मुख्य आरोपित आरिफ के भवन संबंधित दस्तावेज सहित अन्य कागजों की जांच की। बाकी आराेपितों के घर में मौजूद लोग कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवा पाए है। जिनके द्वारा दस्तावेज उपलब्ध करवाए गए है उनका राजस्व विभाग गहनता से अध्ययन कर रहा है।

आरोपितों के छह मई को निर्धारित तारीख पर न्यायालय में पेश न होने पर बुलडोजर चलाने संबंधित निर्णय लिए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। एसडीएम किच्छा कौस्तुभ मिश्रा ने बताया किपुलिस से प्राप्त रिपोर्ट के सापेक्ष भवन संबंधित दस्तावेजों की जांच की जा रही है। दस्तावेजों के अध्ययन के बाद संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।

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