रुद्रपुर: राजस्थान के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों व घर पर आयकर विभाग की छापेमारी के बाद आय से अधिक संपत्ति मिलने का मामला सामने आया है। मंत्री के हिस्सेदारों ने अभी तक 18 करोड़ की अघोषित आय सरेंडर कर दी है।
हालांकि जांच अभी भी चल रही है। ऐसे में और भी अघोषित आय मिल सकती है। टीम ने मंत्री के किच्छा स्थित पैतृक आवास सहित व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर भी छापेमारी की थी। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक उनके 40 ठिकानों पर अब तक पकड़ी गई अघोषित आय का आंकड़ा 110 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
राजेंद्र यादव मूल रुप से किच्छा के रहने वाले हैं। उनकी राजस्थान सरकार व कांग्रेस में अच्छी खासी पकड़ है। राजस्थान के सीएम के वह बेहद करीबी है। आय कर विभाग की टीम ने सात सितंबर की सुबह करीब छह बजे राजेंद्र के किच्छा आवास व फ्लोर मिल पर छापेमारी की थी। साथ ही उनके अन्य ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी।
इसमें किच्छा स्थित यादव फूड़स व आरएस यादव एंड संस दो फर्म भी शामिल है। उसके बाद दूसरी टीम ने उनके आवास विकास स्थित घर पर छापेमारी की थी। किच्छा में शुक्रवार सुबह पांच बजे तक लगभग 47 घंटे तक टीम ने जांच की थी।
पहले दिन घर में मिले स्वर्ण आभूषण के मूल्यांकन के लिए हल्द्वानी से जब ज्वेलर्स की टीम को बुलाया गया तो उस समय लगने लगा था कि घर पर स्वर्ण आभूषण बड़ी मात्रा में मिले हैं। दूसरे दिन केंद्रीय आयकर विभाग की टीम ने किच्छा पहुंच कर मिल के डाटा एकत्र किए थे।
47 घंटे की कार्रवाई के बाद टीम नौ सितंबर को लौट गई थी। टीमें दस्तावेजों की जांच में जुटी हैं। जिससे यह आय ज्यादा भी हो सकती है। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक मंत्री के हिस्सेदारों के ठिकाने से 2.90 करोड़ रुपये की नकदी व 1.25 करोड़ रुपये मूल्य के जेवरात बरामद हुए थे।
गृह राज्य मंत्री के कोटपुतली स्थित फैक्ट्री, बहरोड़, भीलवाड़ा, पाली, जयपुर के बनी पार्क और सहकार मार्ग स्थित आवास व एक हिस्सेदार के मालवीय नगर स्थित ठिकानों पर भी छापेमारी की गई थी। कोटपुतली में प्लास्टिक के कट्टे और पैकिंग का सामान बनाने वाली फैक्ट्री के निदेशक स्वयं मंत्री राजेंद्र यादव प्रबंध निदेशक उनका पुत्र है। छापे के बाद यूएस नगर में तरह तरह के कयास लगाए जा रहे थे कि मंत्री कांग्रेस व सरकार को फंडिंग का भी काम करते हैं।