सिडकुल में हुए कराेड़ाें के घोटाले की जांच तकरीबन पूरी, जल्द डीआइजी गढ़वाल को भेजी जाएगी रिपोर्ट

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रुद्रपुर : तकनीकी बिंदु अब सिडकुल घोटाले की जांच में बाधा नहीं बनने वाले हैं। वित्तीय अनियमितताओं के बिंदु पर जांच करते हुए उसे अंतिम रूप दे दिया गया है। एक दाे दिन में ही जांच पूरी कर उसे डीआइजी गढ़वाल को भेजने की तैयारी कर ली गई है।

2012 से 2017 तक हुए निर्माण में घोटाले

सिडकुल में हुए 2012 से 2017 तक हुए निर्माण की आड़ में करोड़ों के घोटाले की जांच के लिए एसआइटी गठित की गई थी। पिछले पांच वर्ष से एसआइटी मामले की जांच कर रही है। इस दौरान सिडकुल में बने सिटी पार्क की भूमि पर बनाए गए शौचालय में करोड़ों का घोटाला किए जाने की संभावनाएं व्यक्त की गई थी जो जांच का आधार बनी थी। जिसमें शौचालय निर्माण में 42 लाख, मुख्य द्वार पर 58 लाख, फव्वारों पर लगभग दो करोड़ रुपया के साथ ही कार्यदाई संस्था द्वारा चाहारदिवारी पर ही मोटी रकम खर्च करने की बात सामने आई थी।

एसआइटी तकनीकी कारणों के चलते जांच में अटकती रही

जांच के दौरान तकनीकी टीम गठन को लेकर पेंच फंस गया और मामला लंबे समय तक शासन में लंबित रहा, जिसके चलते जांच लंबे समय तक प्रभावित रही। उसके बाद तकनीकी टीम का गठन शासन द्वारा किए जाने के बाद जांच में तेजी आई पर एसआइटी तकनीकी कारणों के चलते बार बार जांच में अटकती रही। एसएसपी डा. मंजूनाथ टीसी ने जनपद का कार्यभार संभालने के बाद सिडकुल घोटाले की जांच पर फोकस करते हुए तकनीकी बिंदु के साथ ही वित्तीय अनियमितता पर अपना फोकस करते हुए जब निर्माण के टेंडर प्रक्रिया से लेकर उसके अनुमोदन और धन आवंटित किए जाने संबंधित पत्रावलियों पर फोकस किया तो घोटाले की परत खुलती चली गई।

25 फाइलों की जांच थी प्रभावित

एसएसपी डा. मंजूनाथ के कार्यभार संभालने के दौरान लगभग 25 फाइलों की जांच प्रभावित थी। जिस पर फोकस कर काम करते हुए उस को अंतिम रुप देते हुए उसमें भारी अनियमतिताएं पकड़ ली है। एसएसपी डा. मंजूनाथ इन दिनों एसआइटी जांच को अंतिम चरण में ले जाने के प्रयास में जुटे है। जिसके बाद सिडकुल घोटाले के जिम्मेदारों के गिरेबान से पुलिस के हाथ की दूरी बहुत कम रह गई है। एक सप्ताह से भी कम समय में जांच पूरी होने के बाद आरोप निर्धारित कर रिपोर्ट कार्रवाई के लिए डीआईजी गढ़वाल को भेजने की तैयारी कर ली है।

एक दो द‍िन में भेजी जाएगी र‍िपोर्ट 

एसएसपी ऊधम सिंह नगर डा. मंजूनाथ टीसी ने बताया कि तकनीकि जांच के आधार पर जांच प्रभावित नहीं हो सकती है। इसमें वित्तीय अनियमितता सहित जांच के कई बिंदु है जिन पर गहनता से जांच की गई है। सिडकुल घोटाले संबंधित लंबित चल रही 25 फइलों को देखने के बाद उसकी जांच को अंतिम रूप दिया जा रहा है। एक दो दिन में ही जांच पूरी कर उसे डीआइजी गढ़वाल को भेज दिया जाएगा।

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