खटीमा: उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष बढ़ता जा रहा है। हल्द्वानी के बाद अब खटीमा के सुरई रेंज में बाघ ने घास लेने जंगल गए ग्रामीण की जान ली है। इस रेंज में पिछले 11 दिनों के अंदर यह दूसरी घटना है। जंगल में घास लेने गए ग्रामीण को बाघ ने अपना निवाला बना लिया। पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम कराया। वहीं वन अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया।
बगुलिया गांव निवासी 40 वर्षीय उमाशंकर पुत्र अलगू प्रसाद सुबह घर से घास काटने के लिए बुधवार सुबह झाऊपरसा डैम क्षेत्र में गया था। काफी देर तक जब उमाशंकर वापस नहीं आया। तो स्वजनों ने ग्रामीणों के साथ उसकी खोजबीन शुरू की। काफी देर खोजबीन करने पर उसका शव क्षत-विक्षत हालत में जंगल क्षेत्र में पड़ा हुआ मिला।
इसकी सूचना ग्रामीणों ने सुरई रेंज के वनक्षेत्राधिकारी सुधीर कुमार को दी। इससे वन महकमें में भी हड़कंप मच गया। सूचना पर रेंजर, डिप्टी रेंजर सतीश रेखाड़ी, सुखदेव मुनि, सुंदरलाल, अमर बिष्ट समेत वन कर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे।
उन्होंने शव को अपने कब्जे में ले लिया। साथ ही इसकी सूचना विभाग के उच्चाधिकारियों को दी। साथ ही शव को पोस्टमार्टम हेतु पुलिस को सौंप दिया। उमाशंकर की मौत से स्वजनों में कोहराम मचा हुआ है। मृतक मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार की आजीविका चलाता था।
वह अपने पीछे पत्नी ज्ञानी देवी, पुत्री आंचल, अनन्या व पुत्र सुमित को रोता-बिलखता छोड़ गया है। वहीं पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को स्वजनों के सुपुर्द कर दिया। रेंजर सुधीर कुमार ने बताया कि यह बाघ वही है जिसने 11 दिनों पूर्व हमला कर रोहित को मौत के घाट उतार दिया था।
पिंजरा लगाने की कार्रवाई की जा रही है। एक्सपर्ट टीम भी ट्रैंकुलाइज के लिए बुलाया गई है। डैम क्षेत्र में दलदली जमीन होने की वजह से वाहन अंदर नहीं जा सकते है। मृतक के स्वजनों को शासन से मिलने वाली मुआवजा दिए जाने की कार्रवाई भी की जा रही है।
बाघ की दूसरी घटना
सुरई रेंज के जंगल में बाघ ने 11 दिनों के भीतर यह दूसरी घटना है। 13 मई को बाघ ने डैम क्षेत्र में बगुलिया निवासी 52 वर्षीय रोहित को हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। इससे पहले 17 मार्च 2017 को बग्गा 46 कंपार्टमेंट में बाघ ने उत्तर प्रदेश कलिया गांव के हुक्म चंद को अपना निवाला बनाया था।