ऊधमसिंहनगर। संवाददाता। नानकमत्ता निवासी गोविंद ने देर रात अपने ही घर मे फांसी लगाकर की अपनी जीवनलीला समाप्त। बीते अगस्त माह में मृत युवक के भाई की मौत लालकुआं भर्ती के दौरान हुई थी। इस मामले में तीन आइटीबीपी जवान गिरफ्तार हो चुके हैं। यह मामला अपने समय में काफी चर्चित रहा। वहीं अब सूरज की आत्महत्या के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि गोविंद अपने भाई सूरज की मौत के बाद से काफी परेशान रहता था। हत्यारों पर कोई ठोस कार्रवाई और अन्य लोगों की गिरफ्तारी नहीं होने से भी परेशान था। हालांकि, मामले में भारी जनविरोध के बाद पुलिस ने तीन जवानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मामले की जांच चल रही है। वहीं एक ही परिवार के दो युवाओं की मौत से लोग हतप्रभ हैं। क्षेत्र में गम का माहौल है।
यह था सूरज हत्याकांड मामला
16 अगस्त को नानकमत्ता निवासी सूरज सक्सेना अपने साथियों के साथ हल्दूचौड़ स्थित आइटीबीपी की भर्ती में शामिल होने आया था। दौड़ क्वालिफाई करने के बाद सूरज का आईटीबीपी जवानों के साथ विवाद हो गया। आरोप है कि भर्ती कर रहे जवानों द्वारा उसकी लाठी डंडों से पिटाई लगाई गई। जिसके बाद सूरज कच्छा बनियान व घड़ी पहने ही रहस्मय तरीके से गायब हो गया। पूछताछ के लिए आए परिजनों को आईटीबीपी के अधिकारियों ने सूरज के परिसर से बाहर भागने की जानकारी दी थी।
जिसके बाद 18 अगस्त को सूरज का सड़ा गला शव आईटीबीपी के पुराने परिसर में मंदिर के पास बरामद किया गया। जिससे परिजनों व ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। उसी रात सूरज के पिता ओम प्रकाश सक्सेना द्वारा कोतवाली में आईटीबीपी के जवान यादव व पांच-छह अन्य जवानों के खिलाफ हत्या कर साक्ष्य छिपाने का मुकदमा दर्ज कराया गया। छह दिन बाद जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर्फ बाहरी चोट होने का खुलासा हुआ तो परिजन भड़क गए और 24 अगस्त को आइटीबीपी गेट पर धरना देना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और तीन आइटीबीपी जवानों को जेल भेजा दिया।