कोई भी सच्चा उत्तराखण्ड़ी नहीं भूलना चाहेगा
खटीमा (संवाददाता): जब तत्कालीन उत्तरप्रदेश सरकार व केंद्र सरकार के निर्देश पर खटीमा में राज्य निर्माण की मांग को लेकर पूर्व अनुमति लेकर लोकतान्त्रिक व अहिंसात्मक ढंग से जुलुस निकाल रहे निर्दोष लोगों पर खटीमा कोतवाली के पास खटीमा की पुलिस ने बिना आदेश लिये पहले लाठीचार्ज कर दिया तथा फिर अंधाधुंध गोलियां चला दी जिसमें सात से ज्यादा राज्य आन्दोलनकारी शहीद हो गये तथा कई आज भी लापता हैं। आज इस कांड को हुये 23 वर्ष पूरे हो गये हैं लेकिन आज तक दोषी लोगों को कोई सजा व दण्ड नहीं मिला । राज्य निर्माण हुये 18 वर्ष हो गये हैं लेकिन हमारी उत्तराखण्ड़ सरकारें न तो दोषियों को सजा ही दिला पायी, ना ही राज्य निर्माण आन्दोलन की अवधारणा को साकार कर पायी, ना ही शहीदों को उचित सम्मान दिला पायी।
आइये शहीदों के सपनों को साकार करने का संकल्प लें और दोषियों को सजा दिलाने के लिये सरकार के ज़िम्मेदार लोगों के दरवाज़े खटखटाएँ ! राज्य की अवधारणा को साकार करने के लिये उत्तराखण्ड़ में इस बार प्रचंड बहुमत की भाजपा सरकार को याद दिलाएँ की उन्ही तमाम शहीदों की बदौलत आज पृथक राज्य की कल्पना साकार हो पायी है. खटीमा कांड को शहीदों को नमन