काशीपुर। व्यापारी से मांगी गई रंगदारी का खुलासा न होने से गुस्साए विधायक समर्थकों के साथ कोतवाली में धरने पर बैठ गए। विधायक को धरने पर बैठा देख पुलिस अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए। सूचना पर कोतवाली पहुंचे सीओ के तबादला कराने के बयान पर विधायक का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा का हवाला देते हुए कहा कि जब तक मामले का खुलासा नहीं होता, धरना खत्म नहीं करेंगे। इसके बाद सीओ ने अपनी बातों को वापस लेते हुए माफी मांगी। साथ ही 15 दिन में मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद विधायक ने धरना समाप्त किया।
दरअसल, 13 दिसंबर 2018 को रतन सिनेमा रोड स्थित इलेक्ट्रिकल व्यापारी रमेश चैहान को किसी अज्ञात व्यक्ति ने गुमनाम पत्र भेजकर एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी थी। पता लगने पर विधायक हरभजन सिंह चीमा ने समर्थकों के साथ व्यापारी के घर पहुंचकर ढांढस बंधाया। जिसके बाद विधायक ने प्रेसवार्ता आयोजित कर दो जनवरी तक मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया था। सात जनवरी तक भी पुलिस प्रशासन की तरफ से कोई सकारात्मक जानकारी न मिलने से विधायक चीमा बिफर गए।
मंगलवार को विधायक ने समर्थकों के साथ कोतवाली पहुंचकर धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस दौरान समर्थक दरी बिछाने लगे तो एसएसआइ बीएस बिष्ट ने उन्हें सरकारी कार्य में बाधा डालने का हवाला देते हुए दरी बिछाने से मना कर दिया। इस बीच सीओ राजेश भट्ट भी कोतवाली पहुंच गए। उन्होंने विधायक चीमा से मामले में जांच जारी होने की बात कही। लेकिन विधायक चीमा ने मामले के खुलासे के लिए सीओ से अल्टीमेटम मांगा तो सीओ ने उनसे विश्वास न होने की बात कहकर उनका तबादला कराने को कहा। जिसके बाद विधायक और समर्थकों का पारा चढ़ गया।
विधायक ने अपनी प्रतिष्ठा का हवाला देकर खुलासे के बाद ही धरना समाप्त करने को कहा। जिसके बाद सीओ भट्ट को बैकफुट पर आना पड़ा। सीओ ने कहा कि अगर वो उनकी किसी बात से आहत हुए हैं तो उन्हें माफ कर दें। साथ ही 15 दिन में मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया। जिसके बाद विधायक ने धरना समाप्त किया। सीओ राजेश भट्ट ने खुलासे में रुद्रपुर की एसओजी और एसटीएफ की टीम लगाने का भी आश्वासन दिया है।