खाद्यान घोटलें में 25 पर गिरी गाज, अब सफेद पोश की बारी

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उधमसिंह नगर। संवाददाता। उधमसिंह नगर खाद्यान विभाग के तहत अरबों रूपयों के घोटालें में 25 कर्मचारियों पर गाज गिर चुकी है। शासन के निर्देश पर जिले में तैनात सभी सीनियर मार्केटिंग इंस्पेक्टर, मार्केटिंग इंस्पेक्टर समेत 25

अधिकारियों को हटा दिया गया है। इन्हें गढ़वाल मंडल के विभिन्न जिलों में तैनाती दी गई। वहीं गढ़वाल मंडल के विभिन्न जिलों से 25 अधिकारी ऊधमसिंह नगर जिले में भेजे गए हैं। गढ़वाल मंडल में तैनात वेदप्रकाश धूलिया को डिप्टी आरएमओ कुमाऊं बनाया गया है।

 

ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर, काशीपुर व किच्छा में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की राज्यपोषित योजना के सस्ते चावल की खरीद, भंडारण, वितरण में हुए बड़े घोटाले के बाद सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है।

 

ऊधमसिंह नगर जिले से खाद्य महकमे के समस्त मार्केटिंग स्टाफ को हटा दिया गया है। खाद्य प्रमुख सचिव एवं खाद्य आयुक्त आनंद बर्द्धन ने बताया कि उधमसिंह नगर जिले के मार्केटिंग स्टाफ को स्थानांतरित कर गढ़वाल मंडल के विभिन्न जिलों में तैनात किया गया है।

 

वहीं गढ़वाल मंडल के विभिन्न स्थानों से स्टाफ को उधमसिंह नगर स्थानांतरित किया गया है। स्थानांतरित सभी कार्मिकों को शुक्रवार तक अनिवार्य रूप से कार्यभार ग्रहण करने के आदेश दिए गए हैं। आदेश नहीं मानने वालों पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

 

कुमाऊं मंडल से सीनियर मार्केटिंग ऑफीसर अशोक कुमार, चंद्रशेखर व रेवाधर को गढ़वाल मंडल में तैनात किया गया है। वहीं केके आर्य को खटीमा से हल्द्वानी भेजा गया है। इसीतरह देहरादून में तैनात सीनियर मार्केटिंग इंस्पेक्टर

 

कैलाशचंद्र पांडे, ऋषिकेश में तैनात मार्केटिंग इंस्पेक्टर लता मिश्रा, बहादराबाद  में तैनात मार्केटिंग इंस्पेक्टर रंजना देवी और देहरादून मुख्यालय में तैनात मुकेश भट्ट को उधमसिंह नगर जिले में तैनात किया गया है।

 

प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन के मुताबिक करीब 25 कार्मिकों के तबादले किए गए हैं। गौरतलब है कि खाद्यान्न घोटाले में ही आरएफसी कुमाऊं वीएस धनिक को बर्खास्त कर उनके सेवा विस्तार को भी खत्म किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने

 

खाद्यान्न घोटाले में एसआइटी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर ऊधमसिंह नगर जिले में सभी संलिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ दो दिन के भीतर कठोर कार्यवाही के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति प्रमुख

 

सचिव आनंद बर्द्धन को निर्देश दिए थे। इन निर्देशों के बाद शासन ने उक्त कदम उठाया है। यही नहीं, खाद्यान्न घोटाले के इस मामले का विशेष ऑडिट कराने के आदेश भी दिए गए हैं।

 

बता दे कि उधमसिंह नगर जिले में ही 600 करोड़ के खाद्यान्न घोटाले के रूप में बड़ा और गंभीर मामला सामने आया है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में जिले में बीते दो सालों में जिस तरह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सस्ते चावल की महकमे

 

के स्तर पर खरीद, आवंटन, वितरण में गड़बडियां पाईं गईं, उसमें विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही राजनीतिक संलिप्तता के संकेत मुख्यमंत्री ने भी दिए दिए हैं। देखना दिलचस्प होगा कि जीरों टाॅलरेंस वाली सरकार इस ओर कतना जबरदस्त रूख दिखाती है।

 

 

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