कृषि वैज्ञानिक पर्वतीय क्षेत्र की ओर भी देखें जहां खेती की स्थिति अच्छी नहीं है तथा 90 प्रतिशत तक खेत बेकार पड़े हैं-मुख्यमंत्री

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  • ये खेत कोरे कागज हैं पंतनगर के वैज्ञानिक यहां नयी इबारत लिख सकते हैं
  • नयी तकनीक किसानों तक पहुंचा किसानों एवं वैज्ञानिकों के बीच का फासला कम करें 
  • सगन्ध पौधों की खेती की उन्नत तकनीकें किसानों को सुलभ करायें

पंतनगर (उधमसिंहनगर) :  उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री, श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि वैज्ञानिकों को उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों की ओर भी देखना चाहिए जहां खेती की स्थिति उतनी अच्छी नहीं है तथा 90 प्रतिशत तक खेत बेकार पड़े हैं।  मुख्यमंत्री, श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत आज पंतनगर विश्वविद्यालय के 102वें किसान मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। श्री रावत ने इन खेतों को कोरे कागज की संज्ञा देते हुए कहा कि पंतनगर के वैज्ञानिक यहां नयी इबारत लिख सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किसानों को विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध करायी  जा रही हैं।

उन्होंने वैज्ञानिकों से नयी तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने व किसानों एवं वैज्ञानिकों के बीच का फासला कम करने के लिए कहा। सगन्ध पौधों की खेती की विश्व स्तर पर बढ़ती मांग को देखते हुए श्री रावत ने इन पौधों की खेती की उन्नत तकनीकें किसानों को सुलभ कराने पर बल दिया तथा छोटे स्तर पर पाॅलिहाऊस में बेमौसमी सब्जी आदि की खेती को प्रोत्साहन देने की भी बात की।

हिमाचल प्रदेश के साथ उत्तराखण्ड के किसानों की पिछले 10 वर्षों की आय की तुलना करते हुए उन्होंने उत्तराखण्ड के किसानों की आय को बढ़ाने हेतु उपाय किये जाने की आवश्यकता बतायी। पर्वतीय क्षेत्रों से युवाओं के पलायन को रोकने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के तीन महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देने की आवश्यकता बतायी। पंतनगर को उन्होंने किसानों का बद्रीनाथ बताते हुए उनकी आशाओं एवं अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए वैज्ञानिकों से कहा। श्री रावत ने कहा कृषको को 01 लाख तक का ऋण 02 प्रतिशत ब्याज पर दिया जा रहा है। इसके अच्छे परिणाम आने पर इसकी लिमिट बढाई जायेगी। उन्होने कहा तराई बीज निगम की साख को पहले की तरह लाने के लिए बुद्धजीवियो व वैज्ञानिको के सुझाव लिये जायेंगे।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने गांधी मैदान में लगे किसान मेले का फीता काटकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. ए.के. मिश्रा, निदेशक प्रसार शिक्षा, डा. वाई.पी.एस. डबास, विधायक राजेश शुक्ला, राजकुमार ठुकराल, जिलाधिकारी डा0 नीरज खैरवाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सदानन्द दाते के अतिरिक्त अन्य गणमान्य अतिथि एवं वैज्ञानिक उपस्थित थे।

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