आज देश के सबसे पूराने अर्धसैनिक बल का स्थापना दिवस है, इस मौके पर असम राइफल्स के पूर्व सैनिकों ने अपनी मांगों को लेकर राजधानी देहरादून में धरना प्रदर्शन किया,
इससे पहले ये पूर्व सैनिक देश की राजधानी में भी धरना प्रदर्शन कर चुके हैं ।। लेकिन लगातार सन् 1965 से असम राइफल्स के सैनिकों की मांगे पूरी नहीं हुई है, दोहरे नियंत्रीकरण में कार्यरत ये कर्मचारी लगातार राजनीति का शिकार होते चले आए हैं ।।
असम राइफल्स अपने कर्तव्यों का निर्वह्न रक्षा मंत्रालय के अधीन कर रही है जबकि असम राइफल्स के सैनिकों को सुविधाएं गृह मंत्रालय के माध्यम से पुलिस बल की मिल रही है ।। सुप्रिम कोर्ट तक के दरवाजे खटखटाने की नोबत आने के बाद भी सरकारें देश के रक्षकों की मांगों को नहीं मान रही है ।। वहीं सीडीएस बिपिन रावत, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तमाम असम राइफल्स के अधिकारियों से बातचीत करने के बाद, देश के प्रधानमंत्री से भी पूर्व सैनिकों ने अपनी मांगों पर संज्ञान लेने की बात की है ।।
साथ ही पूर्व सैनिकों ने बताया की सैन्य शौर्यता में असम राइफल्स सबसे बेहतर प्रदर्शन करती है, असम राइफल्स ने अभी तक कुल 184 चक्र अर्जित किये हैं, जिनमें से 04 अशोक चक्र औऱ 35 कीर्ति चक्र और 140 शोर्य चक्र के साथ 05 वीर चक्र शामिल हैं ।