नए पुलिस कप्तान ने फोर्स के लिए पहला सर्कुलर जारी किया है। कप्तान ने सीधे तौर पर कहा है कि फील्ड ड्यूटी के दौरान एडिशनल सब इंस्पेक्टर (एएसआई) सब इंस्पेक्टर और सीनियर सब इंस्पेक्टर से इज्जत से पेश आएं। नहीं तो विभागीय कार्रवाई के लिए तैयार रहें। इसके अलावा जो वर्दी एएसआई के लिए निर्धारित है उसी को धारण करें। सब इंस्पेक्टर की तरह नहीं।
एसएसपी ने ये निर्देश आईजी कार्मिक के आदेशों का हवाला देते हुए जारी किए हैं। दरअसल, 4600 ग्रेड पे की मांग के दौरान शासन ने बीच का रास्ता निकालकर एएसआई पद सृजित किए थे। एएसआई के कंधों पर भी दो स्टार होते हैं और सब इंस्पेक्टर के भी। लेकिन, फर्क सिर्फ इतना है कि एएसआई की सीटी डोरी (कंधे से होते हुए जेब तक जाती हुई) काली होती है। जबकि, सब इंस्पेक्टर की यह डोरी नीली होती है। इसके अलावा एएसआई और एसआई के बीच अंतर करने वाली कोई पहचान नहीं होती।
पालन नहीं होता तो की जाएगी कार्रवाई
चूंकि सब इंस्पेक्टर यानी दरोगा का रुतबा पुलिस में अलग होता है तो कुछ एएसआई भी इस नियम को दरकिनार करते हुए नीली सीटी डोरी ही वर्दी पर लगाते हैं। यही नहीं पुलिस के आला अधिकारियों को यह भी शिकायत मिली कि एएसआई एसआई और वरिष्ठ एसआई (एसएसआई) के साथ फील्ड में अच्छा व्यवहार नहीं करते।
क्योंकि, वह दो स्टार की हनक में खुद को उनके बराबर ही समझने का प्रयास करते हैं। ऐसे में एसएसपी अजय सिंह ने सभी एएसआई को इस तरह का व्यवहार न करने और निर्धारित मानकों को वर्दी पहने के निर्देश जारी किए हैं। यदि पालन नहीं होता तो कार्रवाई की जाएगी।