पिछले दिनों हुई बर्फबारी से उच्च हिमालयी क्षेत्र के गांव बर्फ से लकदक हो गए हैं। जिससे मैदानी और पहाड़ी इलाकों में कड़कड़ाती ठंड पड़ रही है। शुक्रवार को राजधानी देहरादून में सुबह चटख धूप खिली। हालांकि बाद में बादलों ने पहरा डाल दिया। धूप और बादलों की बीच लुका छिपी जारी रही।
वहीं ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पिछले दिनों हुई बर्फबारी की वजह से हर्षिल से आगे बंद पड़ा हुआ है। भारी बर्फबारी से बदरीनाथ हाईवे हनुमान चट्टी से आगे अवरुद्ध हो गया है। राज्य के अधिकतर इलाकों में फिलहाल मौसम साफ बना हुआ। शाम तक मौसम के फिर से करवट बदलने की संभावना जताई जा रही है।
पिथौरागढ़ जिले में उच्च हिमालयी क्षेत्र के 21 गांव बर्फ से लकदक हो गए हैं। बुधवार रात भारी बर्फबारी के बाद सीमांत के लोगों के साथ सुरक्षा एजेंसियों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। मुनस्यारी के कालामुनि, बेटुलीधार में बर्फबारी के बाद थल- मुनस्यारी सड़क पांच घंटे बंद रही। लोगों ने बर्फ में फंसे वाहनों को धक्का देकर निकाला। बागेश्वर के बिचला दानपुर और पिंडर घाटी के ऊंची चोटियां बर्फ से लकदक हो गईं हैं। पिथौरागढ़ जिले में दारमा घाटी के 14 गांवों में दो फुट और पंचाचूली ग्लेशियर में चार फुट से अधिक बर्फबारी हुई है। व्यास घाटी के सात गांवों में भी भारी हिमपात हुआ है।
केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य में लगे मजदूर गौरीकुंड लौटे
केदारनाथ में भारी बर्फबारी के बीच कार्यदायी संस्थाओं के सभी मजदूर गौरीकुंड, सोनप्रयाग लौट आए हैं। धाम में अब पुलिस टीम व कुछ साधु-संत मौजूद हैं। बीते मंगलवार व बुधवार को दिनभर बर्फबारी से केदारनाथ में तीन फीट से अधिक बर्फ जमा हो चुकी है।
बर्फ के चलते यहां पानी की लाइन भी जम गई है। साथ ही बिजली सप्लाई भी बाधित हुई है। बर्फबारी के कारण धाम में कड़ाके की ठंड से पुनर्निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप हो चुके हैं।
कार्यदायी संस्था डीडीएमए के अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णवाल ने बताया कि केदारनाथ में खराब मौसम व बर्फ के चलते वहां मौजूद 35 मजदूरों को बुला लिया गया है। जबकि 50 मजदूर दस दिन पहले ही आ गए थे। उन्होंने बताया कि बर्फ पिघलने के बाद ही पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो पाएंगे। इधर, कुंड-ऊखीमठ-चोपता-गोपेश्वर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी डेढ़ फीट से अधिक बर्फ के चलते दुगलबिट्टा से आगे आवाजाही बंद है।