देहरादून। संवाददाता। फारेस्ट एक्ट में राज्य सरकार द्वारा किये गये संशोधन पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि भाजपा सरकार उत्तराखण्ड की पहचान मिटाने और उसे उजाड़ने पर आमादा है।
उन्होने राज्य सरकार द्वारा फारेस्ट एक्ट में किये गये संशोधन के बारे में कहा कि यह राज्य का स्वरूप बिगाड़ने और सब कुछ बेच कर खा जाने का प्रयास है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने फारेस्ट एक्ट में बीते कल संशोधन करते हुए 10 एकड़ तक ही भूमि को जिस पर भले ही पेड़ लगे हो या बगीचा हो, को फारेस्ट एक्ट के दायरे से बाहर कर दिया गया है। सरकार द्वारा किये गये इस संशोधन से उन तमाम जमीनों से बिना किसी रोक टोक के पेड़ों का कटान किया जाने का रास्ता साफ हो गया जो निजी अधिकार क्षेत्र में आते है। राज्य में अनेक ऐसी भू सम्पत्तियां है जिन्हे फारेस्ट एक्ट के तहत खुर्द बुर्द नहीं किया जा सकता था या बेचा नहीं जा सकता था। लेकिन अब सरकार द्वारा ऐसी भूमि से पेड़ों के कटान व खरीद फरोख्त का रास्ता साफ हो गया है।
किशोर उपाध्याय का साफ कहना है कि इससे राज्य का स्वरूप ही बदल जायेगा। जहां पेड़ों का अधांधुध कटान होगा वहीं भूमाफिया के लिए सरकार ने रास्ता खोल दिया है। जो ऐसी जमीनों पर नजरें गड़ाये बैठे थे लेकिन फारेस्ट कानून उनकी राह में रोड़ा बना हुआ था। अब उनका रास्ता साफ हो चुका है।
उधर इस फारेस्ट एक्ट में किये गये संशोधन को वन मंत्री हरक सिंह द्वारा सही ठहराया जा रहा है। उनका कहना है कि राज्य के विकास में फारेस्ट कानूनों के कारण आ रही रूकावटें इस संशोधन के बाद समाप्त हो सकेगी और विकास का नया रास्ता खुलेगा। उनका कहना है कि पुराने वन कानून विकास में बाधाएं पैदा कर रहा था इसलिए इसमें संशोधन किया गया है।