कोविड-19 की ड्यूटी पर तैनात उत्तरकाशी के सिपाही ने लगाई फांसी

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कलियर। कलियर के धनौरा गांव में कोविड-19 की ड्यूटी पर तैनात उत्तरकाशी के सिपाही ने फांसी लगाकर जान दे दी। सिपाही का शव एक ग्रामीण के घर में फंदे से लटका मिला। एसएसपी समेत अन्य पुलिस अधिकारियों ने घटना की जानकारी ली। सिपाही के स्वजनों ने ससुराल के लोगों पर उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।

पुलिस के मुताबिक झबरेड़ा थाना क्षेत्र के फकरेड़ी गांव निवासी अमित पुलिस में है और इन दिनों उत्तरकाशी में तैनाती थी, लेकिन कोविड-19 की ड्यूटी के लिए अमित को हरिद्वार जनपद भेजा गया था। 24 मई को अमित की ड्यूटी कलियर थाना क्षेत्र के कंटेनमेंट जोन बने धनौरा गांव में लगी थी। रात के समय वह गांव के ग्रामीण नत्थू राम के घर में रुका था। रविवार सुबह ग्रामीणों ने सिपाही अमित का शव घेर के बरामदे में पंखे से लटका देखा तो वे दंग रह गए। शोर मचाने पर काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर इकट्ठा हो

घटना से पुलिस में हड़कंप मच गया। कलियर थाना प्रभारी प्रकाश पोखरियाल मौके पर पहुंचे और शव कब्जे में लिया। इसके बाद एसएसपी डी. सैंथिल अबूदई कृष्ण राज एस, एसपी देहात एसके सिंह भी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस की सूचना पर मृतक के स्वजन भी मौके पर पहुंच गए। एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह के मुताबिक परिवार के लोगों ने अमित की ससुराल के लोगों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। एसपी देहात ने बताया कि पत्नी ने अमित पर मुकदमा भी दर्ज कराया था, जिसके चलते वह तनाव में था। उन्होंने बताया कि अमित का मोबाइल कब्जे में लेकर इसकी छानबीन की जा रही है। पुलिस को इस मामले में परिवार के लोगों से अभी तक कोई तहरीर नहीं मिली है।

सिपाही की मौत से गांव में छा गया मातम
सिपाही अमित की मौत की खबर जैसे ही उसके पैतृक गांव फकरेड़ी पहुंची, तो वहां पर मातम छा गया। परिवार के लोगों का रो रोकर बुरा हाल था। अमित के पिता धर्म सिंह गांव में खेती करते हैं। अमित की तीन बहनें हैं। उससे बड़ी दो बहनों की शादी हो चुकी है जबकि छोटी बहन अविवाहित है। वहीं अमित का बड़ा भाई पिता के साथ खेतीबाड़ी में हाथ बंटाता है।

ग्रामीणों ने बताया कि अमित की शादी करीब दो साल पहले सहारनपुर क्षेत्र के रसूलपुर गांव में हुई थी। कुछ समय से पत्नी से विवाद चल रहा है। कई बार दोनों पक्षों के बीच समझौते के प्रयास भी हुए, लेकिन बात नहीं बन पाई थी। सिपाही की मौत से परिवार और ग्रामीणों के आंसू थम नहीं रहे हैं। शाम तीन बजे शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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