- आईआईटी-भुवनेश्वर और एम्स के शोधकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि मॉनसून और ठंड में तापमान गिरने से कोविड-19 के प्रसार में तेजी आ सकती है।
- अध्ययन में पता चला है कि तापमान में वृद्धि वायरस के संक्रमण में गिरावट का कारण बनती है। अध्ययन यह दर्शाता है कि महामारी के बढ़ते संक्रमण और प्रभाव पर तापमान और सापेक्ष आर्द्रता का असर अधिक पड़ता है।
नई दिल्ली : वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक नए शोध ने कोरोना संक्रमण को लेकर चिंता और बढ़ा दी है। इसमें कहा गया है कि कोरोना का संक्रमण मॉनसून में तेजी से बढ़ेगा। आईआईटी-भुवनेश्वर और एम्स के शोधकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि मॉनसून और ठंड में तापमान गिरने से कोविड-19 के प्रसार में तेजी आ सकती है।
वर्त्तमान में देशभर में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। रोजाना 20 से 30 हजार नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इसके अलावा इस वैश्विक महामारी से मरने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है।आईआईटी-भुवनेश्वर में पृथ्वी, महासागर और जलवायु विज्ञान के स्कूल के सहायक प्रोफेसर वी वीनोज के नेतृत्व में हुए अध्ययन के अनुसार, वर्षा, तापमान में कमी और वातावरण में ठंडक बढ़ने की वजह से कोविड-19 के प्रसार में और तेजी आ सकती है।
‘कोविड-19 का भारत में प्रसार और तापमान और सापेक्षिक आर्द्रता पर निर्भरता’ शीर्षक के साथ छपी रिपोर्ट में अप्रैल और जून के बीच 28 राज्यों में कोरोनो वायरस के प्रकोप और ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या पर नजर रखी गई है।
वीनोज ने कहा कि अध्ययन में पता चला है कि तापमान में वृद्धि वायरस के संक्रमण में गिरावट का कारण बनती है।अध्ययन यह दर्शाता है कि महामारी के बढ़ते संक्रमण और प्रभाव पर तापमान और सापेक्ष आर्द्रता का असर अधिक पड़ता है।