केंद्र सरकार ने चीन व नेपाल की सीमा से सटे क्षेत्रों में सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत नए काम शुरू करने पर रोक लगा दी है। साथ ही पुराने काम भी 30 सितंबर तक पूरा करने को कहा है। माना जा रहा है कि इसके स्थान पर केंद्र सरकार अब वाइब्रेंट विलेज योजना लागू करने वाली है। उत्तराखंड के सीमांत में पलायन की समस्या को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2001 में सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम लागू किया था।
इसमें चीन और नेपाल बॉर्डर से सटे पांच जिलों के दस किलोमीटर के दायरे में शामिल गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, अवस्थापना और सामाजिक क्षेत्र में विकास कार्य किए जाते हैं। इसके लिए 90 फीसदी बजट केंद्र सरकार देती है। उत्तराखंड में इस योजना के तहत कुल 485 योजनाएं स्वीकृत हुईं, जिस में से अब तक 323 ही पूरी हो पाई हैं।
इन ब्लॉकों में चल रहा काम
मुनस्यारी,मूनाकोट,धारचूला,कनालीछीना (पिथौरागढ़), चंपावत और लोहाघाट (चंपावत), खटीमा (यूएसनगर), जोशीमठ (चमोली), भटवाड़ी (उत्तरकाशी)
केंद्र सरकार ने सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत अब नए कार्य शुरू नहीं करने को कहा है। साथ ही पहले से शुरू कार्यक्रम भी 30 सितंबर तक पूरा करने को कहा है। हम तय गाइडलाइन में इसे पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। वाइब्रेंट विलेज स्कीम की गाइडलाइन का भी इंतजार किया जा रहा है।
रीना जोशी, अपर सचिव ग्राम्य विकास